सिंधु जल संधि अब कभी नहीं होगी बहाल, पाकिस्तान को नहीं मिलेगा पानी- गृह मंत्री का साफ संदेश
India Pakistan Water Dispute: सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चल रही एकमात्र प्रभावशाली सहयोग प्रणाली रही है. लेकिन मौजूदा हालात इसे भी खतरे में डाल रहे हैं.;
Indus Water Treaty 2025: छह दशकों से चली आ रही सिंधु जल संधि पर भारत ने अब निर्णायक मोड़ ले लिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो टूक कह दिया है कि पाकिस्तान को मिलने वाला पानी अब भारत के अपने राज्यों खासकर राजस्थान के लिए होगा. आतंकवाद के खिलाफ भारत का यह जल-नीति पर आधारित जवाब सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक नई रणनीति की शुरुआत है.
अमित शाह ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच छह दशक पुरानी सिंधु जल संधि को बहाल करने का कोई सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जाने वाला वह पानी अब राजस्थान की जरूरतों के लिए मोड़ा जाएगा. एक इंटरव्यू में शाह ने कहा कि “नहीं, इसे कभी बहाल नहीं किया जाएगा.” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को जो पानी अनुचित रूप से मिल रहा था, उसे रोककर अब भारत के अंदरूनी उपयोग के लिए एक नहर बनाई जाएगी, जिससे वह पानी राजस्थान ले जाया जाएगा.
साल 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी प्रणाली के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है. हालांकि, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने यह संधि "निलंबित" कर दी थी. भारत सरकार ने इसका सीधा संबंध पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने की नीति से जोड़ा है.
पाकिस्तान की आपत्तियां
हमले के बाद पाकिस्तान ने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. इसके बावजूद दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम के बावजूद संधि फिलहाल निलंबित है. इस निलंबन के बाद से पाकिस्तान की ओर से इसे वापस लेने की कई अपीलें की जा चुकी हैं. पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तज़ा ने भारत की जल शक्ति मंत्रालय को कम से कम चार पत्र लिखे हैं, जिनमें से तीन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजे गए और भारत से संधि निलंबन के आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग की है. पाकिस्तान का दावा है कि भारत की यह कार्रवाई संधि की शर्तों का उल्लंघन है. क्योंकि किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा निलंबन संधि के तहत मान्य नहीं है.
भारत का सख्त रुख
हालांकि, भारत ने साफ कर दिया है कि “बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते” और जब तक पाकिस्तान अपनी धरती से चल रहे आतंकी नेटवर्क को बंद नहीं करता, तब तक कोई संवाद नहीं होगा। 24 अप्रैल को भारत ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से सूचित किया कि संधि को निलंबित किया जा रहा है. इस पत्र में भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने लिखा कि किसी भी संधि का पालन सद्भावना के साथ करना जरूरी होता है. लेकिन इसके विपरीत हमने लगातार पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद देखा है.