'शरबत जिहाद' पर बाबा रामदेव को HC की फटकार,विवादित विज्ञापन वापस होंगे

रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द कंपनी अपने मुनाफे का इस्तेमाल मस्जिदों और मदरसों के निर्माण के लिए कर रही है. हमदर्द ने इस मामले में मानहानि का केस किया है.;

Update: 2025-04-22 08:04 GMT
रामदेव के 'शरबत जिहाद' बयान को HC ने "अदालत को झकझोर देने वाला" बताया

दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव द्वारा हमदर्द के मशहूर शरबत रूहअफ़ज़ा को लेकर दिए गए 'शरबत जिहाद' बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। कोर्ट ने इस टिप्पणी को "अदालत को झकझोर देने वाला" बताया और कहा कि इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।

हमदर्द की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में दलील दी कि यह बयान समाज को धार्मिक आधार पर बाँटने की कोशिश है और हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। उन्होंने अदालत को बताया कि बाबा रामदेव का यह बयान न सिर्फ आपत्तिजनक है, बल्कि संवेदनशील सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुँचा सकता है।

कोर्ट की कड़ी नाराज़गी को देखते हुए, बाबा रामदेव के वकील ने आश्वासन दिया कि पतंजलि द्वारा रूहअफ़ज़ा को लेकर चलाया गया विवादित विज्ञापन वापस ले लिया जाएगा।

कोर्ट ने बाबा रामदेव को निर्देश दिया है कि वे एक हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह स्पष्ट आश्वासन हो कि भविष्य में वे इस तरह का कोई बयान या विज्ञापन जारी नहीं करेंगे। इसके लिए अदालत ने उन्हें 1 हफ्ते का समय दिया है और अगली सुनवाई की तारीख 1 मई तय की है।

गौरतलब है कि पतंजलि द्वारा अपने रोज़ शरबत के प्रचार में रूहअफ़ज़ा को निशाना बनाते हुए यह दावा किया गया था कि रूहअफ़ज़ा से होने वाली कमाई का इस्तेमाल मदरसों और मस्जिदों में किया जा रहा है। इसी संदर्भ में 'शरबत जिहाद' जैसी भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बाबा रामदेव अगली सुनवाई तक कोर्ट को क्या जवाब देते हैं और क्या इस प्रकरण से भविष्य में विज्ञापन की भाषा और रणनीति में कोई बदलाव आता है।

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