'भारत बंद' से ठप रहा सार्वजनिक परिवहन, केरल में सबसे ज्यादा असर, पूरी तरह बंद

10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 25 करोड़ श्रमिकों के साथ केंद्र की 'मजदूर-विरोधी, किसान-विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक नीतियों' के खिलाफ हड़ताल बुलाई;

Update: 2025-07-09 15:55 GMT
रांची में बुधवार, 9 जुलाई को विभिन्न वामपंथी संगठनों और ट्रेड यूनियनों के सदस्यों द्वारा केंद्र सरकार की कथित मज़दूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाई गई 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान विरोध प्रदर्शन के बीच जाम में फंसे वाहन। (पीटीआई)

देशभर में बुधवार (9 जुलाई) को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने हड़ताल की, जिससे डाक, बैंकिंग, बिजली, सार्वजनिक परिवहन सहित कई सेवाएं प्रभावित हुईं। ट्रेड यूनियन मंच ने दावा किया है कि यह आम हड़ताल 25 करोड़ श्रमिकों को लामबंद कर नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) समेत अन्य मुद्दों के विरोध में बुलाई गई है।

बंगाल, केरल, बिहार में आंदोलन

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई को बताया कि बुधवार सुबह से देशभर में आम हड़ताल शुरू हो गई है और उन्हें पश्चिम बंगाल, केरल, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु और बिहार जैसे राज्यों से विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टें और तस्वीरें मिली हैं।

उन्होंने कहा कि इस हड़ताल से बैंकिंग, डाक और बिजली सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। साथ ही तांबा और कोयला खनन भी बाधित होगा, और कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन पर भी व्यापक असर देखने को मिलेगा।

केरल में पूर्ण बंद, सड़कों पर सन्नाटा

केरल में दुकानें, कार्यालय और स्कूल बंद रहे, सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। यह स्थिति ट्रेड यूनियनों द्वारा केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बुलाई गई 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के चलते बनी।

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