भारतीय रक्षा बलों को 40 हजार करोड़ का पैकेज, ड्रोन-मिसाइल और गोला-बारूद पर जोर

यह पिछले पांच वर्षों में रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन खरीदारी शक्तियों की पांचवीं किश्त है. खरीदारी की प्रक्रिया में रक्षा वित्त विभाग के वित्तीय सलाहकार भी शामिल होंगे.;

Update: 2025-05-17 16:00 GMT

Operation Sindhur: भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच भारतीय रक्षा बलों को हथियारों और गोला-बारूद की खरीदारी के लिए 40,000 करोड़ रुपये का बड़ा बजट मिलने वाला है. यह मंजूरी रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा हाल ही में दी गई थी, जिसमें रक्षा मंत्रालय और सैन्य प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

आपातकालीन शक्तियों के तहत मंजूरी

आपातकालीन शक्तियों के तहत भारतीय रक्षा बलों का ध्यान ऐसे उपकरणों की खरीदारी पर है, जैसे कि निगरानी ड्रोन, क़मीक़ेज़ ड्रोन, लंबी दूरी की लूटेरिंग म्यूनिशन्स और तोपखाने, वायु रक्षा, मिसाइलों और रॉकेट्स के लिए गोला-बारूद. इन उपकरणों को जल्द से जल्द प्राप्त किया जाएगा. क्योंकि आपातकालीन खरीदारी के तहत किए जा रहे सौदों को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना है.

खरीदारी की पांचवीं किश्त

यह पिछले पांच वर्षों में रक्षा बलों को दी गई आपातकालीन खरीदारी शक्तियों की पांचवीं किश्त है. इन खरीदारी की प्रक्रिया में रक्षा वित्त विभाग के वित्तीय सलाहकार भी शामिल होंगे.

लंबी अवधि की परियोजनाओं पर भी काम जारी

रक्षा मंत्रालय बलों के लिए लंबी अवधि की परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है और वरिष्ठ अधिकारी इस सिलसिले में उद्योग के नेतृत्व से मिल रहे हैं. मंत्रालय ने पहले ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और निजी उद्योगों, जैसे कि सोलर डिफेंस और एयरोस्पेस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की है.

सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मदद

आपातकालीन खरीदारी शक्तियों ने रक्षा बलों को बड़ी मदद दी है. क्योंकि इसने उन्हें आवश्यक उपकरण और गोला-बारूद प्राप्त करने की अनुमति दी, जिससे वे सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपट सके. भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना द्वारा पाकिस्तान में लक्ष्यों पर हमले के लिए इस्तेमाल की गई रैंपेज मिसाइल भी आपातकालीन खरीदारी के तहत प्राप्त की गई थी. बाद में इन मिसाइलों के लिए एक बड़ी ऑर्डर दी गई और अब इन्हें देश में ही उत्पादित किया जाएगा.

ड्रोन की अहम भूमिका

भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना ने अपने हेरॉन मार्क 2 ड्रोन का उपयोग किया, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लाइव ऑपरेशनों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल हुए. ये ड्रोन भी आपातकालीन शक्तियों के तहत ही खरीदे गए थे.

भारतीय कंपनियों को भी मिलेगा बड़ा मौका

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ड्रोन संचालन के दौरान लो-लेवल रडार के 10 और आदेश मिल सकते हैं, जो ऑपरेशनों के दौरान ड्रोन की पहचान करने में मदद करेंगे. इसके अतिरिक्त भारतीय कंपनियां जो ड्रोन निर्माण में लगी हैं, उन्हें तीनों सेनाओं से आदेश मिलने की संभावना है.

बजट में अतिरिक्त धनराशि

भारतीय सरकार बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बजट आवंटन में अतिरिक्त धनराशि देने पर भी विचार कर सकती है. बता दें कि यह मंजूरी ऐसे समय में आई है, जब ऑपरेशन सिंदूर जारी है. भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान वायु सेना को जबरदस्त झटका दिया है, पाकिस्तान के 12 में से 11 एयर बेसों पर हमले कर उनकी वहां भारी नुकसान पहुंचाया है.

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