पूर्व J&K राज्यपाल सत्यपाल मलिक को CBI का झटका, चार्जशीट में 6 अन्य के साथ आरोपी
J&K hydro project scam: यह चार्जशीट जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से 2022 में की गई शिकायत के आधार पर दाखिल की गई है, जिसमें किरू जलविद्युत परियोजना के लिए 2,200 करोड़ रुपये के ठेके में अनियमितताओं का आरोप था.;
Kiru hydropower project: सीबीआई ने आज किरू जलविद्युत परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक और छह अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इसमें चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (CVPPPL) के प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, बोर्ड निदेशक एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा, निजी सचिव वीरेंद्र राणा और कनवर सिंह राणा और एक निजी व्यक्ति कनवालजीत सिंह डुग्गल शामिल हैं.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, यह चार्जशीट जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से 2022 में की गई शिकायत के आधार पर दाखिल की गई है, जिसमें किरू जलविद्युत परियोजना के लिए 2,200 करोड़ रुपये के ठेके में अनियमितताओं का आरोप था. इस परियोजना का ठेका पटेल इंजीनियरिंग को दिया गया था. जबकि ई-टेंडरिंग और रिवर्स ऑक्शन की प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था.
चार्जशीट दाखिल होने के कुछ घंटों बाद सत्यपाल मलिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर अस्पताल के बिस्तर से अपनी तस्वीर शेयर की, जिसमें उन्होंने अपनी तबीयत को "बहुत खराब" बताया. वह दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है.
मलिक ने अक्टूबर 2021 में दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिसमें से एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) नेता से संबंधित थी. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की थी.
किरू जलविद्युत परियोजना की लागत लगभग 4,287 करोड़ रुपये है और यह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित है. इस परियोजना में कथित रूप से निम्न गुणवत्ता का काम हुआ है और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. सीबीआई की जांच में यह पाया गया कि परियोजना के ठेके में नियमों की अनदेखी की गई थी. इस मामले में सीबीआई की चार्जशीट दाखिल होने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और मामले की जांच पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.