खड़गे का लोकसभा स्पीकर व राज्यसभा सभापति को पत्र, बोले- मूल स्थान पर लगाएं गांधी-आंबेडकर की प्रतिमा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में महात्मा गांधी, बीआर आंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को स्थानांतरित किए जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा है.

Update: 2024-06-19 15:08 GMT

Congress President Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में महात्मा गांधी, बीआर आंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को नए स्थान पर स्थानांतरित किए जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं की मूर्ति को उनके मूल स्थान पर दोबारा से लगाए जाने की मांग की है.

लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को संबोधित अपने पत्र में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को बिना किसी परामर्श के मनमाने ढंग से एक अलग कोने में स्थानांतरित कर दिया गया है और यह लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है.

खड़गे ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को अलग-अलग भेजे अपने पत्र में कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि बिना किसी परामर्श के मनमाने ढंग से इन मूर्तियों को हटाना हमारे लोकतंत्र की मूल भावना का उल्लंघन है. यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को उचित विचार-विमर्श के बाद प्रमुख स्थानों पर स्थापित किया गया था. संसद भवन परिसर में प्रत्येक मूर्ति और उसका स्थान अत्यधिक मूल्य और महत्व रखता है.

कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय नेताओं और सांसदों के चित्र और प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए एक समर्पित समिति है. संसद भवन परिसर में राष्ट्रीय नेताओं और सांसदों के चित्र और प्रतिमाओं की स्थापना संबंधी समिति का साल 2019 के बाद पुनर्गठन नहीं किया गया है.

उन्होंने लिखा कि संबंधित हितधारकों के साथ उचित चर्चा और विचार-विमर्श के बिना लिए गए ऐसे निर्णय हमारी संसद के नियमों और परंपराओं के विरुद्ध हैं. इसलिए, वह मांग करते हैं कि महात्मा गांधी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और अन्य राष्ट्रीय नेताओं, जिन्होंने हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए महान योगदान दिया, की प्रतिमाओं को उचित सम्मान और आदर के साथ उनके मूल स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस ने मूर्तियों को स्थानांतरित करने पर कड़ी आपत्ति जताई है. विपक्षी दल अक्सर संसद परिसर में गांधी और आंबेडकर की प्रतिमाओं के सामने विरोध मार्च और आंदोलन करते रहे हैं.

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