कफ सिरप बनाने वाली सभी कंपनियों की जांच शुरू, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामले में केंद्र का एक्शन

इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की सूची प्रदान करें।

Update: 2025-10-09 15:17 GMT
DCGI के एक परामर्श में बताया गया कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप के कारण बच्चों की मौतों की हाल ही में रिपोर्टें सामने आई हैं और इन सिरप्स की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है।

हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दूषित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की रिपोर्टें आई हैं, और इन सिरप्स की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है, जैसा कि DCGI (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने अपने परामर्श में बताया।

केंद्र सरकार के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने देशभर में कफ सिरप निर्माता कंपनियों का परीक्षण, निरीक्षण और ऑडिट शुरू कर दिया है। CDSCO, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के अंतर्गत आता है और भारत का नेशनल रेगुलेटरी अथॉरिटी (NRA) है।

इसके अलावा, केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की सूची प्रदान करें ताकि उनका ऑडिट किया जा सके।

CAPA दिशानिर्देशों का पालन नहीं

सूत्रों के अनुसार, अब तक किसी भी राज्य ने Corrective and Preventive Action (CAPA) दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन नहीं किया है, जो फार्मास्युटिकल उत्पादों में सुरक्षा और मानक बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं।

अब तक 18 राज्य ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने ऑनलाइन नेशनल ड्रग्स लाइसेंसिंग सिस्टम (ONDLS) को अपनाया है, जिसका उद्देश्य ड्रग लाइसेंसिंग और नियामक अनुपालन को सुव्यवस्थित करना है।

ONDLS एक डिजिटल, सिंगल-विंडो प्लेटफ़ॉर्म है, जो भारत में विभिन्न ड्रग से संबंधित लाइसेंसों की प्रक्रिया के लिए विकसित किया गया है। इसे CDSCO के सहयोग से C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) ने तैयार किया है।

DCGI का परामर्श

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स से कहा कि वे कच्चे माल और तैयार फार्मूलेशन का परीक्षण सुनिश्चित करें, इससे पहले कि उन्हें बाज़ार में जारी किया जाए। यह कदम उन बच्चों की मौतों के मद्देनजर उठाया गया है, जो कथित तौर पर संदूषित कफ सिरप के सेवन से हुई हैं।

परामर्श में कहा गया कि हालिया निरीक्षणों और गुणवत्ताहीन घोषित दवाओं की जांच में यह पाया गया कि कई निर्माता हर बैच के एक्सिपिएंट्स और सक्रिय घटकों का परीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिससे निर्धारित मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।

हाल ही में छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत की रिपोर्टें आई हैं, जो कथित तौर पर संदूषित कफ सिरप और उनकी गुणवत्ता से जुड़ी चिंताओं के कारण हुई हैं।

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