कितने फाइटर जेट गिरे? ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार CDS ने तोड़ी चुप्पी
CDS चौहान के बयान से साफ संकेत मिलता है कि भारतीय सेना ने इस संघर्ष से सीखा और अपनी रणनीति को मजबूत किया है। साथ ही यह भी संदेश दिया गया है कि भारत हर चुनौती का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।;
भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई सैन्य झड़पों को लेकर पहली बार भारतीय सेना की ओर से सीधे तौर पर नुकसान को स्वीकार किया गया है। हालांकि, वायुसेना के गिरे हुए फाइटर जेट्स की संख्या को अब भी स्पष्ट नहीं किया गया है। इसको लेकर भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने एक इंटरव्यू में बयान दिया है।
जेट गिरना अहम नहीं, कारण अहम: CDS चौहान
जनरल चौहान ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि फाइटर जेट गिरा, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे। अच्छी बात यह रही कि हमने अपनी रणनीतिक गलतियों को पहचाना, उन्हें सुधारा और दो दिन के भीतर फिर से लंबी दूरी के लक्ष्यों पर हमला किया। उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने जेट गिरे, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के 6 जेट गिराने के दावे को "पूरी तरह गलत" बताया।
पाकिस्तान के दावे को किया खारिज
CDS ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के उस दावे को नकारा, जिसमें कहा गया था कि भारत के छह फाइटर जेट मार गिराए गए। उन्होंने दोहराया कि यह पूरी तरह गलत है। हमारे लिए यह जरूरी है कि हम यह समझें कि जेट क्यों गिरे और हमने उसके बाद क्या किया। यही ज्यादा अहम है।
जवाबी कार्रवाई
चौहान ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायुसेना ने रणनीतिक सुधार करते हुए 2 दिन बाद फिर से सफल हमले किए। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानों ने पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर तक घुसकर भारी सुरक्षा वाले एयरबेस को निशाना बनाया।
न्यूक्लियर युद्ध की आशंका नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कि अमेरिका ने हस्तक्षेप कर भारत-पाक परमाणु युद्ध को टाला। इस पर जनरल चौहान ने कहा कि यह दावा "काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे अनुसार, पारंपरिक युद्ध और परमाणु सीमा के बीच काफी जगह होती है। भारत और पाकिस्तान के बीच संचार चैनल हमेशा खुले थे, ताकि हालात नियंत्रण में रहें।
चीन से मिले पाक हथियार फेल
सीडीएस ने दावा किया कि पाकिस्तान को चीन और अन्य देशों से मिले हथियार ठीक से काम नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सटीक हमले किए और ऑपरेशन के बाद भी सीजफायर कायम है। लेकिन इसका भविष्य पाकिस्तान के व्यवहार पर निर्भर करेगा।