नये साल पर मोदी सरकार का किसानों को तोहफा, फसल बीमा के लिए खोली तिजोरी!

modi government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाया है.;

Update: 2025-01-01 14:31 GMT

Fasal Bima Yojana: आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने किसानों को नया साल का शानदार तोहफा दिया है. सरकार ने बुधवार को फसल बीमा योजनाओं को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी. इसके लिए 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने एडवांस टेक्नोलॉजी के जरिए योजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए 824 करोड़ रुपये से अधिक की रकम के साथ एक नया कोष की भी स्वीकृत दी है. केंद्र सरकार की इस पहल को किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है.

इसको लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि नये साल में सरकार का पहला फैसला किसानों को समर्पित है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि (सरकार का) नये साल का पहला फैसला हमारे देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है. हमने फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाने को मंजूरी दी है. इससे किसानों की फसलों को अधिक सुरक्षा मिलेगी और किसी भी नुकसान के बारे में उनकी चिंता भी कम होगी. उन्होंने कहा कि डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एकमुश्त विशेष पैकेज बढ़ाने के कैबिनेट के फैसले से किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

इसके साथ ही कैबिनेट ने किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बुधवार से अगले आदेश तक एनबीएस सब्सिडी से परे डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन तक बढ़ाने के उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. वहीं, फंड फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी (FIAT) नामक नया फंड योजना के कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी एकीकरण का समर्थन करेगा. इसमें पारदर्शिता में सुधार, दावा गणना को सुव्यवस्थित करना और निपटान में तेजी लाना शामिल है. यह फंड योजना के तहत अनुसंधान और विकास अध्ययनों के साथ-साथ YES-TECH और WINDS जैसी तकनीकी पहलों का भी समर्थन करेगा.

विज्ञप्ति के अनुसार, वर्तमान में 9 राज्यों ने इस प्रणाली को अपनाया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनवरी-दिसंबर को कवर करते हुए विशेष DAP पैकेज की घोषणा की 2025 तक किसानों के लिए किफायती डीएपी उपलब्धता बनाए रखने का लक्ष्य है. वैष्णव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि किसानों को 1,350 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग पर डीएपी मिलना जारी रहेगा, जिसकी कीमत अन्य देशों में 3,000 रुपये से अधिक है. इस पैकेज पर लगभग 3,850 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 2014 से, पीएम मोदीजी ने सुनिश्चित किया है कि किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव का खामियाजा न उठाना पड़े. 2014-24 से उर्वरक सब्सिडी 11.9 लाख करोड़ रुपये थी, जो 2004-14 से दी गई सब्सिडी से दोगुनी से भी अधिक है.

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