जिन आतंकियों के स्केच जारी हुए, उनकी पूरी कुंडली पता चल गई

जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पहलगाम हमले में जारी स्केच में 3 लोगों की पहचान हुई है, 2 पाकिस्तान से आए आतंकी थे और एक दक्षिण कश्मीर का निवासी है जो उनका गाइड था।;

Update: 2025-04-25 06:54 GMT
(बाएं से दाएं): पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े आतंकवादी हाशिम मूसा, आदिल हुसैन ठोकर और अली भाई (फोटो - जम्मू-कश्मीर पुलिस)

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल जिन तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे, उनकी पहचान दो पाकिस्तानी आतंकियों, हाशिम मूसा और अली भाई उर्फ़ तल्हा, तथा एक स्थानीय सहयोगी  आदिल हुसैन ठोकर के रूप में की गई है।

कौन हैं ये तीनों आतंकी?

हाशिम मूसा: पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मूसा ने सितंबर 2023 में घाटी में घुसपैठ की थी। वह मुख्यतः बडगाम जिले में सक्रिय रहा है, जो श्रीनगर के आसपास स्थित है।

अली भाई उर्फ़ तल्हा: मूसा के बाद घाटी में दाखिल हुआ और डाचीगाम के जंगलों में सक्रिय रहा। यह इलाका श्रीनगर की सीमा पर है और त्राल के रास्ते पहलगाम तक घने पहाड़ी जंगलों से जुड़ता है।

आदिल हुसैन ठोकर: दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहड़ा के गुर्रे गांव का निवासी है। वह 2018 में पाकिस्तान गया था और पिछले साल घाटी लौटा। पुलिस का मानना है कि वह आतंकियों के लिए स्थानीय गाइड की भूमिका निभा रहा था।

आतंकियों के स्केच कैसे बने?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह स्केच चश्मदीद गवाहों के बयानों पर आधारित हैं। एक अधिकारी ने बताया,"गवाहों को कुछ सक्रिय आतंकियों की तस्वीरें दिखाई गईं और उनसे पूछा गया कि क्या हमलावर उनमें से किसी से मिलते थे।"

पुलिस को संदेह है कि हमलावरों के समूह में एक चौथा आतंकी भी शामिल हो सकता है। "हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह स्थानीय है या विदेशी," एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।

हमले से पहले की गई थी रेकी

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने हमले से पहले विस्तृत रेकी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में एक अधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि

उन्हें सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया में लगने वाले समय की पूरी जानकारी थी। बैसरान सिर्फ पैदल पहुंचा जा सकता है, और सुरक्षा बलों को वहां पहुंचने में लगभग एक घंटा लगता है। इसी कारण हमलावर वहां थोड़ी देर टिके रहे और फिर जंगलों की आड़ में भाग निकले।

चश्मदीदों के बयान और बच निकलने की कहानियाँ

केंद्रीय एजेंसियों के मुताबिक, 42 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। कुछ चश्मदीदों ने बताया कि उच्चारण या धर्म के आधार पर उन्हें बख्शा गया। एक स्थानीय फोटोग्राफर ने बताया कि वह एक पेड़ पर चढ़कर दो घंटे तक छिपा रहा जब तक हमलावर वहां से चले नहीं गए।

सूत्रों के अनुसार, हमलावर पीर पंजाल की ऊंची पहाड़ियों की ओर भाग गए हैं, जहां सेना, अर्धसैनिक बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।

NIA कर सकती है जांच अपने हाथ में

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक वरिष्ठ टीम ने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा किया और चश्मदीदों से मुलाकात की। संभावना है कि NIA जल्द ही स्थानीय पुलिस से केस की जांच अपने हाथ में लेगी, और एजेंसी के महानिदेशक भी अगले कुछ दिनों में घटनास्थल का दौरा कर सकते हैं।

Tags:    

Similar News