PM मोदी का यूक्रेन दौरा-ऐतिहासिक या फिर डैमेज कंट्रोल, मॉस्को के बाद कीव जाने की क्यों पड़ी जरूरत?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे. कीव से पहले प्रधानमंत्री मोदी 21-22 अगस्त को पोलैंड में होंगे.
PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे, जो रूस के साथ देश के युद्ध के बाद उनकी पहली यात्रा होगी. मोदी की कीव यात्रा 30 साल पहले द्विपक्षीय संबंधों की शुरुआत के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी. कीव से पहले प्रधानमंत्री मोदी 21-22 अगस्त को पोलैंड में होंगे. उम्मीद है कि वे पोलैंड से कीव के लिए ट्रेन से यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक है. क्योंकि यह 45 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है.
विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव तन्मय लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के अंत में शुक्रवार, 23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह एक मील का पत्थर और ऐतिहासिक यात्रा भी है. क्योंकि यह पहली बार होगा, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 से अधिक वर्षों में यूक्रेन का दौरा करेगा. यह यात्रा नेताओं के बीच हाल ही में हुई उच्च-स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से यूक्रेन में संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है. भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत स्थिति बनाए रखी है कि कूटनीति और बातचीत से इस संघर्ष को हल किया जा सकता है और इससे स्थायी शांति हो सकती है. इसलिए बातचीत बिल्कुल जरूरी है. स्थायी शांति केवल उन विकल्पों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और यह केवल बातचीत के जरिए ही हल हो सकता है. हमारी ओर से, भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखता है.
उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं के साथ बातचीत की है और प्रधानमंत्री ने हाल ही में रूस का दौरा भी किया है. भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता और योगदान देने को तैयार है और इस स्तर पर, यह अनुमान लगाना या पूर्वानुमान लगाना हमारे लिए नहीं है कि भारत और यूक्रेन के नेताओं के बीच इन चर्चाओं का परिणाम क्या होगा.
बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने भी एक बयान जारी किया है कि "23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस पर पीएम मोदी यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा करेंगे. हमारे द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में यह किसी भारतीय पीएम की यूक्रेन की पहली यात्रा है.
यात्रा के दौरान विशेष रूप से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ वार्ता आयोजित की जाएगी. यह भी उम्मीद है कि यूक्रेन और भारत के बीच कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. यह यात्रा हाल ही में पीएम मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाने पर कीव की आलोचना के बाद हो रही है. पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पीएम मोदी द्वारा पश्चिमी देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने के साथ-साथ मॉस्को के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रयास का संकेत देती है.
मोदी सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को हल करने के लिए लगातार शांतिपूर्ण बातचीत का आह्वान किया है. लेकिन रूस के कार्यों की प्रत्यक्ष निंदा करने से परहेज किया है. भारत और रूस के बीच शीत युद्ध के समय से ही ऐतिहासिक संबंध हैं. एक ऐसा दौर जब क्रेमलिन भारत के लिए एक प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा था. यूक्रेन संघर्ष के फैलने के बाद से रूस भारत को रियायती कच्चे तेल का एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है. इसने आर्थिक संबंधों को मजबूत किया है, जिससे भारत को अरबों डॉलर बचाने में मदद मिली है और साथ ही पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस को आर्थिक रूप से सहायता मिली है. पश्चिमी देशों ने भारत को रूस से दूरी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. जबकि वे नई दिल्ली के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समूह का हिस्सा है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रति संतुलन के रूप में कार्य करता है.
प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड यात्रा के महत्व पर भारत में पोलैंड के प्रभारी सेबेस्टियन डोमज़ाल्स्की ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की पोलैंड यात्रा से बहुत खुश हूं. साल 1979 के बाद से यह भारतीय प्रधानमंत्री की हमारे देश की पहली यात्रा है. यह प्रधानमंत्री मोदी की बहुत महत्वपूर्ण यात्रा है और हम भारत-पोलैंड राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. हम सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए तत्पर हैं.
बता दें कि इस दौरान तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्र होंगे. प्रौद्योगिकी एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा. दोनों देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को उन्नत करने के लिए तत्पर हैं. पोलैंड यूरोपीय संघ में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यूरोप की स्थिति और वैश्विक तनाव को देखते हुए सुरक्षा भी एजेंडे में सबसे ऊपर होगी. रक्षा क्षेत्र पर भी चर्चा होगी.
#WATCH | Secretary West, MEA, Tanmaya Lal says, "PM Narendra Modi will undertake an official visit to Ukraine later this week on Friday, August 23, on the invitation of Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy. This is also a landmark and a historic visit since this will be the… pic.twitter.com/xs71GtdsfT
— ANI (@ANI) August 19, 2024