संविधान पर चर्चा : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत लोकतंत्र की जननी
संविधान के 50 साल पूरे होने पर मुझे मिला मुख्यमंत्री बनने का मौका
पीएम मोदी ने कहा कि, जब देश संविधान के 50 वर्ष मना रहा था तो ये मेरा भी सौभाग्य था कि मुझे भी संविधान की प्रक्रिया से मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल गया. जब मैंने 26th November को संविधान दिवस मनाने की बात की थी तब एक नेता ने सामने से कहा था, कि '26th January तो मनाते हैं 26th November मनाने की ज़रूरत क्या है?'
75 बार बदला गया संविधान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में एक ही परिवार के सदस्यों ने 55 साल शासन किया. इसलिए उस परिवार का ज़िक्र करना जरुरी है. संविधान को बदलने का बीज जो देश के पहले प्रधानमंत्री ने किया, उसे उनकी अगली पीड़ी ने आगे बढ़ाय.
संविधान का दुश्मन था आर्टिकल 370
पीएम मोदी ने कहा कि, हम विविधता का उत्सव मानते हैं लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में विरोधाभास ढूंढते रहे. ऐसे लोग विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे जिससे एकता को चोट पहुंचे. आर्टिकल 370 देश की एकता में रुकावट बना हुआ था, इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया.
मैं संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा,"75 वर्ष की ये उपलब्धि असाधारण है। जब देश आजाद हुआ और उस समय भारत के लिए जो-जो संभावनाएं व्यक्त की गई थी उन संभावनाओं को निरस्त करते हुए, परास्त करते हुए भारत का संविधान हमें यहां तक ले आया है। इसलिए इस महान उपलब्धि के लिए, संविधान निर्माताओं के साथ-साथ देश के कोटि-कोटि नागरिकों का आदरपूर्वक नमन करता हूं।
जब देश संविधान के 25 वर्ष बना रहा था तो देश में आपातकाल लगा था
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान की चर्चा के दौरान 1977 के दौरान जब देश में आपातकाल लगाया गया था और जब लोगों को बड़े स्तर पर देश भर में जेल भेजा गया था, तब संविधान के 25 साल पूरे हुए थे ऐसे समय में देश में आपातकाल के नाम पर आतंक मचाया गया था.
आज़ादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर देश को विकसित बना कर रहेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है। यह 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी बनाएंगे हम देश को विकसित भारत बनाकर रहेंगे। यह हर भारतीय का संकल्प है लेकिन इस संकल्प से सिद्धि के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है भारत की एकता। हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है..."
कुछ लोग देश की विविधता को तोड़ने की कोशिश करते रहे: पीएम मोदी
आजादी से पहले संविधान निर्माताओं के बीच एकता थी। लेकिन आजादी के बाद गुलामी की मानसिकता में पले बड़े लोग देश की विविधिता में विरोधाभास ढूंढते रहे। ये लोग विविधिता को सेलिब्रेट करने के बजाय उसे तोड़ने की कोशिश करते रहे। ये वो लोग हैं जो समझते हैं कि भारत का निर्माण ही 1947 के बाद हुआ।
भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा
हमारा देश बहुत तेजी से विकास कर रहा है। भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। जब हम आजादी की शताब्दी मना रहे होंगे तब हम विकसित देश बन चुके होंगे। ये हम सभी देशवासियों का सपना है।