खरोला को ही क्यों बनाया गया NTA का महानिदेशक, जानने के लिए यहां पढ़िए

प्रदीप सिंह खरोला को तारण हार के रूप में जाना जाता है, जो मुश्किल परिस्थिति में फंसे संगठन को अपनी कार्यक्षमता और बेहतर मैनेजमेंट स्किल के दम पर बाहर निकाल लाते हैं और शायद यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने फिलहाल संकट की स्थिति को समझते हुए प्रदीप सिंह खरोला को ही NTA के लिए चुना है.

Update: 2024-06-23 05:06 GMT

NTA DG Pradeep Singh Kharola: केंद्र सरकार ने NEET परीक्षा में हुई फजीहत के बाद अन्य परीक्षाओं में लगे गड़बड़ी के आरोपों को ध्यान में रखते हुए नेशनल टेस्ट एजेंसी ( NTA ) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया है. अब उनकी जगह पर 1985 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला को NTA का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. प्रदीप सिंह खरोला की बात करें तो वो फिलहाल इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गेनाईजेशन ( ITPO ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. बताया जाता है कि ITPO के काम को गति देने के लिए खरोला को इसका अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने यहाँ भी अपनी खूबी दिखाते हुए इस ड्रीम प्रोजेक्ट को तेज गति से पूरा किया. खरोला को ही आखिर क्यों NTA का कार्यभार सौंपा गया है, ये सवाल भी लोगों के मन में उठ रहा है.

जब इस सवाल के जवाब को तलाशा गया तो पाया कि दरअसल, प्रदीप सिंह खरोला को तारण हार के रूप में जाना जाता है, जो मुश्किल परिस्थिति में फंसे संगठन को अपनी कार्यक्षमता और बेहतर मैनेजमेंट स्किल के दम पर बाहर निकाल लाते हैं और शायद यही वजह रही कि केंद्र सरकार ने फिलहाल संकट की स्थिति को समझते हुए प्रदीप सिंह खरोला को ही NTA के लिए चुना है. जानते हैं प्रदीप सिंह खरोला के करियर के बारे में.

दिल्ली आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं खरोला

प्रदीप सिंह खरोला मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. खरोला ने 1982 में इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद 1984 में आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. उन्होंने इसमें टॉप भी किया था. इसके बाद 1985 में वो आईएएस चुने गए. उन्हें कर्णाटक कैडर मिला.

कर्णाटक की पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी को घाटे से उबारा

प्रदीप सिंह खरोला को दशकों का अनुभव है. इस दौरान न केवल कर्णाटक सरकार में बल्कि कई अन्य पदों पर रहते हुए भी खरोला ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. उन्हें कर्नाटक की पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनी को घाटे से उबारने के लिए भी जाना जाता है. वर्ष 2000 में बंगलुरु सिटी सर्विस, बंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन को न केवल घाटे से उबारा बल्कि उसे मुनाफे में भी लेकर आये. खरोला ने शेहरी विकास, शाषण, शहरी सार्वजानिक परिवहन और निति निर्माण जैसे क्षेत्रों में सराहनीय काम किया हुआ है. यही वजह भी रही कि उन्हें बैंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ( BMRC ) के प्रबंध निदेशक के पद पर भी नियुक्त किया गया था.

कर्णाटक के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे हैं खरोला

खरोला वर्ष 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रहे हैं. वो कर्नाटक में शहरी अवसंरचना विकास एवं वित्त निगम ( KUIDFC ) के भी प्रमुख रहे हैं. इस संस्था का काम शहरों में अवसंरचना निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाणा होता है. इसके अलावा प्रदीप सिंह खरोला ने राष्ट्रीय प्रशासनिक सुधार आयोग के संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया हुआ है.

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हैं खरोला

खरोला को वर्ष 2012 में ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इतना ही नहीं 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री के उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार भी नवाजा गया था. खरोला ने मनीला, फिलीपींस में एशियाई प्रबंधन संस्थान से डेवलपमेंट मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है.

एयर इंडिया के विनिवेश की रूपरेखा में भी निभाई है अहम ज़िम्मेदारी

प्रदीप सिंह खरोला ने एयर इंडिया में बतौर अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक की भूमिका भी निभाई हुई है. खरोला को उस समय ये ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी जब एयर इंडिया के विनिवेश की तयारी चल रही थी और इसकी रूप रेखा तैयार करने में खरोला का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

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