कांग्रेस- BJP में बस इतना अंतर, छात्रों के सामने राहुल ने की दिल की बात
Rahul Gandhi News: राहुल गांधी आईआईटी मद्रास के छात्रों से अपने विचार साझा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी में मौलिक अंतर क्या है।;
Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अलग अलग मंचों से अपनी बात रखते हैं। देश को कांग्रेस की जरूरत क्यों है, बीजेपी (BJP) देश के लिए सही क्यों नहीं है। इन सब विषयों पर अपने नजरिए को पेश करते हैं। हाल ही में आईआईटी मद्रास (IIT Madras Student) के छात्रों से रूबरू हुए और यह बताया कि बीजेपी और कांग्रेस में बुनियादी अंतर क्या है। उन्होंने बताया कि चाहे देश की शैक्षणिक व्यवस्था हो (Indian Education System), अंतरराष्ट्रीय संबंध हो हम कुछ उनसे हट कर सोचते हैं। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि उनका स्पष्ट मानना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देना किसी भी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।इसे निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहनों के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता है। हमें शिक्षा और सरकारी संस्थानों को मजबूत करने पर बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता है।
मैंने कई बार कहा है कि हमारे देश में सबसे अच्छे संस्थान सरकारी संस्थान (Government Educational Institutions) हैं, आपका संस्थान भी उनमें से एक है। वो सरकारों द्वारा शिक्षा पर अधिक धन खर्च करने के पक्ष में हूं। गांधी ने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली जिस तरह से स्थापित की गई है उसमें उन्हें गंभीर समस्याएं हैं। ऐसा नहीं लगता कि हमारी शिक्षा प्रणाली हमारे बच्चों की कल्पना को पनपने देती है।आप शायद मुझसे सहमत न हों। मुझे लगता है कि यह बहुत रोक लगाने वाली ऊपर से नीचे की व्यवस्था है यह बहुत संकीर्ण है। गांधी ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान उन्होंने हजारों बच्चों से बात की और उनसे पूछा कि वे क्या बनना चाहते हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे वकील, डॉक्टर, इंजीनियर या सेना के जवान बनना चाहते हैं।
ऐसा नहीं हो सकता कि इस देश में करने के लिए केवल पांच चीजें हों। लेकिन हमारी व्यवस्था इसी पर जोर दे रही है। देश की शिक्षा व्यवस्था सफलता को केवल तभी मापती है जब कोई इंजीनियर या डॉक्टर बन जाता है, या आईएएस/आईपीएस में शामिल हो जाता है या सेना में शामिल हो जाता है जो हमारी आबादी का केवल एक या दो प्रतिशत है और हमारी 90 प्रतिशत आबादी ऐसा कभी नहीं करने वाली है। व्यवस्था को बच्चों को वह करने देना चाहिए जो वे करना चाहते हैं और उन्हें कई चीजें अनुभव करने और करने की अनुमति देनी चाहिए।हमारी शिक्षा प्रणाली कई चीजों की उपेक्षा करती है, यह कई व्यवसायों को कम महत्व देती है और इन चार या पांच व्यवसायों को अधिक महत्व देती है। इसलिए ये वो चीजें हैं जिन्हें मैं बदलना चाहूंगा।
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर, उन्होंने कहा, आगे बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत चीन और अमेरिका को कैसे संतुलित करता है। ऐसी स्थिति में, जहां दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं, हमारे पास एक संतुलन समीकरण है, एक संतुलन क्षमता है इसलिए भारत एक ऐसे स्थान पर है जहां वह अपनी शक्ति से कहीं अधिक प्राप्त कर सकता है। इसलिए यदि भारत बिना अटके या कोई बड़ी गलती किए समझदारी से इस चीज से निपटता है, तो हम इससे लाभान्वित हो सकते हैं।