क्या राजनीतिक निर्देशों ने वायुसेना को कमजोर किया? दूतावास की सफाई
इंडोनेशिया में रक्षा अटैची के बयान पर विवाद के बाद भारतीय दूतावास ने सफाई दी कि ऑपरेशन सिंदूर में जेट नुकसान वाली बात को संदर्भ से काटा गया।;
इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि 10 जून को जकार्ता में एक सेमिनार के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) के कुछ विमान राजनीतिक निर्देशों के कारण पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में खोने संबंधी रक्षा अटैची का बयान गलत तरीके से पेश किया गया और संदर्भ से बाहर निकाला गया था।
क्या कहा था रक्षा अटैची ने?
भारतीय नौसेना के अधिकारी और इंडोनेशिया में भारत के रक्षा अटैची कैप्टन शिव कुमार ने 10 जून को "भारत-पाकिस्तान हवाई संघर्ष और इंडोनेशिया की हवाई शक्ति की रणनीति विषयक एक सेमिनार में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में भारतीय वायुसेना ने कुछ लड़ाकू विमान खोए क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने पाकिस्तानी वायु रक्षा और सैन्य ढांचे को निशाना बनाने से मना किया था। केवल इसी राजनीतिक निर्देश के कारण IAF को कुछ फाइटर जेट्स खोने पड़े," उन्होंने कहा।हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि शुरुआती झटके के बाद भारत ने रणनीति बदली और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों तथा ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान की एयर डिफेंस को निष्क्रिय कर दिया।
दूतावास की सफाई और स्पष्टीकरण
कैप्टन कुमार की इस टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय दूतावास ने 19 दिन बाद बयान जारी किया और कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। दूतावास ने ज़ोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बल लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई नागरिक सरकार के अधीन काम करते हैं, जो कि हमारे कुछ पड़ोसियों की तरह नहीं है।यह पाकिस्तान पर एक परोक्ष टिप्पणी थी।दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाना था, न कि किसी प्रकार की सैन्य वृद्धि।
CDS जनरल अनिल चौहान की टिप्पणी
करीब एक महीने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपनी रणनीति में सुधार किया और पाकिस्तानी इलाके के अंदर गहराई तक हमले किए। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान का यह दावा कि उसने छह भारतीय जेट गिराए जो पूरी तरह गलत है। मामला यह नहीं कि कितने जेट गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
रविवार को कांग्रेस ने रक्षा अटैची के बयान का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। पार्टी ने पारदर्शिता की मांग की। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष को विश्वास में लेने से क्यों इनकार कर रहे हैं। उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा कि पीएम सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते? संसद के विशेष सत्र की मांग क्यों ठुकरा दी गई?"
पार्टी नेता पवन खेड़ा ने इसे मोदी सरकार और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए “प्रत्यक्ष अभियोग” बताया और कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर चुकी है और कांग्रेस को डर है कि वह इस मुद्दे को उजागर कर देगी।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान-नियंत्रित क्षेत्रों में स्थित आतंकी ढांचों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक तीव्र सैन्य संघर्ष चला, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के एक समझौते के साथ समाप्त हुआ। भारत ने पाकिस्तान को बताया कि वह स्थिति को और बढ़ाना नहीं चाहता और हमलों का मकसद केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाना था। लेकिन जब पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, तो भारत ने सख्ती से पलटवार किया।