स्ट्रीट डॉग पर बड़ा फैसला सुरक्षित, विरोध-समर्थन में SC में दलील पेश

दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित रख लिया है। बच्चों की सुरक्षा, रेबीज़ रोकथाम और पशु अधिकार संगठनों की आपत्तियां बहस का मुख्य हिस्सा थीं।;

Update: 2025-08-14 05:58 GMT

Street Dog Supreme Court Verdict News: दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा। बता दें कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने आठ हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को आश्रय स्थल में भेजने का फैसला सुनाया। इस फैसले के खिलाफ पशु अधिकार संगठनों ने अपील की थी। यही नहीं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के साथ साथ बीजेपी की पूर्व सांसज ने भी ऐतराज जताया था। 13 अगस्त को इस विषय पर चीफ जस्टिस बी आर गवई ने कहा था कि वो इस मामले को जल्द सुनेंगे और 14 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी।


विरोध में दलील

आवारा कुत्तों के मुद्दे पर एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि सवाल यह है कि क्या नगर निगम ने कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए हैं? क्या कुत्तों की नसबंदी की गई है? अब, कुत्तों को उठाया जा रहा है। हालांकि, आदेश में कहा गया है कि नसबंदी के बाद, आवारा कुत्तों को समुदाय में खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।वह दो न्यायाधीशों की पीठ के 11 अगस्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।

समर्थन में तर्क

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बच्चे मर रहे हैं। नसबंदी से रेबीज़ नहीं रुकता, भले ही आप उन्हें टीका लगा दें; इससे बच्चों का अंग-भंग होना नहीं रुकता।सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आंकड़ा पेश किया जिसमें कहा गया कि 2024 में देश में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले दर्ज किए जाएँगे। उसी वर्ष रेबीज़ से 305 मौतें हुईं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मॉडल के अनुसार यह संख्या कहीं ज़्यादा है। कोई भी जानवरों से नफ़रत नहीं करता। सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि बच्चे खुले में खेलने नहीं जा पा रहे हैं। अदालत को इसका समाधान ढूंढ़ना होगा। यह अल्पसंख्यकों का मुखर दृष्टिकोण है, जबकि बहुसंख्यक चुपचाप पीड़ित हैं।


दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। हम भी पशु प्रेमी हैं, लेकिन मानवता हमारा आधार है। हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कुछ भी नहीं है। पहले चरण में हम काटने वाले कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। कल हमने विभिन्न क्षेत्रों से 150 कुत्ते उठाए..."

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