द्विपक्षीय ट्रेड डील को लेकर जारी है अमेरिका के साथ बातचीत, सूत्रों ने बताया, भारत सरकार US अथॉरिटी के संपर्क में

सूत्रों ने बताया कि, पिछली बार ट्रेड डील पर बात करने के लिए जब अमेरिकी अधिकारी दिल्ली आए थे तब ये तय हुआ था कि अगली राउंड की बैठक अगस्त महीने के आखिरी हफ्ते में होगी.;

Update: 2025-08-14 12:22 GMT

India US Trade Talks: द्विपक्षीय ट्रेड डील (Bilateral Trade Deal) को लेकर अमेरिका के साथ भारत की बातचीत जारी है. केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत सरकार लगातार अमेरिकी अथॉरिटी के साथ संपर्क में है और उनके साथ डील को लेकर बात चल रही है. सूत्रों ने बताया कि, पिछली बार ट्रेड डील पर बात करने के लिए जब अमेरिकी अधिकारी दिल्ली आए थे तब ये तय हुआ था कि अगली राउंड की बैठक अगस्त महीने के आखिरी हफ्ते में होगी.

सूत्रों ने बताया कि हाल के दिनों में काफी डेवलपमेंट देखने को मिला है ऐसे में देखना होगा कि बातचीत किस प्रकार प्रगति कर रही है और अगस्त के आखिरी हफ्ते में इस पर से पर्दा उठेगा. इससे पहले अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि अगर शुक्रवार को अलास्का में होने वाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक विफल रहती है, तो ट्रंप प्रशासन भारत पर सेकेंडरी टैरिफ और बढ़ा सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया और उसके बाद उन्होंने ने रूस से क्रूड ऑयल खरीदारी के चलते पेनल्टी के तौर पर 25 फीसदी एडिशनल टैरिफ लगा दिया. यानी भारत से अमेरिका में आने वाले इंपोर्ट पर ट्रंप प्रशासन ने 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. ऐसे में दोनों ही देशों के बीच ट्रेड डील पर चल रही बातचीत के खटाई में पड़ने की आशंका जताई जा रही है. इस पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को अनुचित, अकारण और असंगत करार दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ऐसे कदम उठा रहा है और भारत पर एडिशनल टैरिफ थोप रहा है, जबकि कई अन्य देश भी अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसे ही कदम उठा रहे हैं.

इससे पहले वाणिज्य मंत्रालय ने जुलाई महीने के लिए ट्रेड डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक, भारत के मर्केंडाइज का व्यापार घाटा जुलाई महीने में आठ महीने के हाई 27 अरब डॉलर से अधिक रहा है जिसकी बड़ी वजह आयात की गति निर्यात से तेज रही है. ये डेटा तब आया है तब राष्ट्रपति ट्रंप भारत समेत अपने साझेदार देशों पर नए टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे थे. जुलाई के एक्सपोर्ट डेटा में अमेरिका के हालिया फैसले का कोई असर नहीं दिखा है, क्योंकि भारतीय वस्तुओं पर बढ़ा हुए टैरिफ अगस्त से लागू होगा.

डेटा के मुताबिक, अप्रैल-जुलाई के दौरान अमेरिका को भारत का निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 27.57 अरब डॉलर था. वहीं, अमेरिका से भारत का आयात 15.50 अरब डॉलर से बढ़कर 17.41 अरब डॉलर हो गया है.

भारत का माल निर्यात जुलाई में बढ़कर 37.24 अरब डॉलर रहा, जो जून में 35.14 अरब डॉलर था. वहीं, आयात जुलाई में बढ़कर 64.59 अरब डॉलर पहुँच गया, जो जून में 53.92 अरब डॉलर था. इस तरह जुलाई में व्यापार घाटा 27.35 अरब डॉलर रहा है जोर जून के 18.78 अरब डॉलर से ज्यादा है. वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि जुलाई में भारत के गुड्स और सर्विसेज का निर्यात बढ़ा है, जिसमें इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी जैसे प्रोडक्ट का योगदान रहा है. 

Tags:    

Similar News