ग्रेटर नॉएडा : डॉक्टर की लापरवाही का मामला, बायीं की जगह दायीं आंख की कर दी सर्जरी
परिवार के अनुसार, सात साल के बच्चे को मंगलवार को आनंद स्पेक्ट्रम अस्पताल ले जाया गया, जब उसने अपनी बाईं आंख से पानी आने की शिकायत की. समस्या बायीं आँख में थी और डॉक्टर ने दायीं आँख की सर्जरी कर दी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-14 18:58 GMT
Medical Negligence In Greater Noida : ग्रेटर नॉएडा के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ सात साल के एक बच्चे की बायीं आँख की बजाये दायीं आँख का ऑपरेशन कर डाला. इतना ही नहीं डॉक्टर ने प्लास्टिक जैसी एक वस्तु भी बच्चे के पिता को दिखाई और दावा किया कि ये बच्चे की आँख के अन्दर से निकली है, जबकि परेशानी बायीं आँख में थी. जब बच्चे की माँ ने देखा तो वो चौंक गयी क्योंकि ऑपरेशन दायीं आँख का कर दिया गया था. फिलहाल इस मामले में पीड़ित परिवार पुलिस के पास पहुंचा है. दूसरी ओर डॉक्टर ने भी अपनी गलती मान ली है.
जिला अधिकारियों के अनुसार उन्हें इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है.
12 नवम्बर को हुआ था ऑपरेशन
बताया गया है कि ये ऑपरेशन 12 नवंबर को शहर के गामा 1 सेक्टर स्थित अस्पताल में हुआ. परिवार ने गुरुवार को स्थानीय पुलिस से संपर्क किया है. हालांकि, अधिकारियों ने पीटीआई को पुष्टि की है कि पुलिस या जिला स्वास्थ्य विभाग के पास अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं आई है.
वहीँ परिवार के अनुसार, मंगलवार को बच्चे को आनंद स्पेक्ट्रम अस्पताल ले जाया गया था, क्योंकि उसने अपनी बायीं आंख से पानी आने की शिकायत की थी.
ऑपरेशन के लिए 45 हजार रूपये लिए
लड़के के पिता नितिन भाटी ने संवाददाताओं को बताया कि डॉक्टरों ने उनके बेटे की आंख में समस्या (आंख में कोई बाहरी वस्तु) के इलाज के लिए सर्जरी का सुझाव दिया और इलाज के लिए 45,000 रुपये लिए. इतना ही नहीं ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उन्हें एक प्लास्टिक की वस्तु की तस्वीर भी दिखाई जिसे कथित तौर पर लड़के की आंख से निकाला गया था. लेकिन जब वे घर लौटे तो उन्हें उस समय झटका लगा जब उनकी पत्नी ने देखा कि बच्चे की बाईं आंख की जगह दाईं आंख का ऑपरेशन किया गया था. नितिन भाटी ने कहा कि वो पूरी तरह से हिल गए और तुरंत ही अस्पताल पहुंचे.
पुलिस को भी दी शिकायत
नितिन भाटी के अनुसार जब वो अस्पताल पहुंचे और इस लापरवाही को लेकर शिकायत की तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें किसी तरह से चुप करने का प्रयास किया ताकि और मरीजों को इस लापरवाही की भनक न लगे. इसके बाद बीटा 2 थाने की पुलिस को भी सूचना दी गयी. पुलिस की तरफ से दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने का प्रयास किया गया लेकिन पीड़ित परिवार इसके लिए तैयार नहीं हुआ.
वहीँ लापरवाही का आरोप झेल रहे डॉक्टर ने कहा, "मुझसे बस दाएं-बाएं में गलती हो गई. मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं." डॉक्टर ने आगे कहा, "मैं पूरी गारंटी लेता हूं कि बच्चा सिर्फ पांच दिनों में ठीक हो जाएगा," डॉक्टर ने बच्चे के परेशान माता-पिता को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा.
नितिन भाटी ने कहा, "यह कोई छोटी गलती नहीं है!" बीटा 2 पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने गुरुवार शाम को पीटीआई को बताया कि मध्यस्थता का प्रयास अनिर्णायक रहा. अधिकारी ने कहा, "हमें अभी तक परिवार की ओर से कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है."
संपर्क करने पर जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने भी पीटीआई को बताया कि उन्हें अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है. शर्मा ने कहा, "जब भी हमें ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो मामले की तुरंत जांच शुरू कर दी जाती है. हालांकि, अभी तक हमें आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है."
इस मामले पर आनंद स्पेक्ट्रम अस्पताल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)