बढ़ रहे हैं कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले, कम ही लोग जानते हैं ये वजह
कम उम्र में हार्ट अटैक की समस्या होना, पोस्ट कोविड एक न्यू-नॉर्मल है। लेकिन हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों का लिंक दांतों से भी है, ये बात कम ही लोग जाते हैं...;
Oral Hygiene And Heart Disease: अक्सर हम दांतों की सफाई को केवल मुस्कान की सुंदरता या सांस की ताजगी तक सीमित मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी ओरल हाइजीन सीधे आपके दिल से जुड़ी हुई है? हाल ही में जापान की हिरोशिमा यूनिवर्सिटी में किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन ने इस बात की पुष्टि की है कि यदि आप रात को ब्रश नहीं करते हैं तो यह आपके हृदय की धड़कनों को असामान्य बना सकता है और यहां तक कि हार्ट अटैक का खतरा भी पैदा कर सकता है...
हिरोशिमा यूनिवर्सिटी की रिसर्च
इस अध्ययन में पाया गया कि मसूड़ों में पनपने वाला एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया, जिसे Porphyromonas gingivalis (P. gingivalis) कहा जाता है, खून के प्रवाह के माध्यम से हृदय के बाएं ऊपरी कक्ष यानी Left Atrium तक पहुँच सकता है। वहां यह बैक्टीरिया Fibrosis नामक प्रक्रिया को शुरू कर देता है, जिसमें हृदय के ऊतकों में कठोरता आ जाती है। यह स्थिति धीरे-धीरे Atrial Fibrillation (AFib) नामक एक गंभीर हृदयगति विकार में बदल सकती है, जो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का प्रमुख कारण बन सकता है।
इस शोध के निष्कर्ष केवल सिद्धांत तक सीमित नहीं रहे। वैज्ञानिकों ने मानव और पशु दोनों के हृदय ऊतकों में इस बैक्टीरिया की मौजूदगी को प्रत्यक्ष रूप से पाया। यह खोज इस बात का प्रमाण है कि खराब डेंटल हेल्थ केवल दांतों की समस्या नहीं है। बल्कि यह दिल की गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती है।
अन्य शोध क्या कहते हैं?
यह कोई अकेली रिसर्च नहीं है। दुनिया भर के अनेक स्वास्थ्य संस्थानों और यूनिवर्सिटीज़ ने इस बात की पुष्टि की है कि मसूड़ों की बीमारियाँ और हृदय रोग आपस में जुड़े हुए हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक लम्बे अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों की ओरल हेल्थ खराब थी, उनमें हार्ट अटैक का खतरा 25% तक अधिक पाया गया। इस अध्ययन में 41,000 से अधिक प्रतिभागियों को 12 वर्षों तक फॉलो किया गया था।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, पीरियोडोंटाइटिस (gum disease) के कारण शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन होता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों में प्लाक जमा होने की प्रक्रिया को तेज करता है। यह स्थिति हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती है।
स्वीडन की Uppsala University द्वारा किए गए एक अन्य अध्ययन में यह सामने आया कि दांतों और मसूड़ों में इन्फेक्शन वाले लोगों में सूजन के मार्कर जैसे CRP और IL-6 की मात्रा सामान्य लोगों की तुलना में अधिक पाई गई। ये मार्कर हृदय रोगों से जुड़े हैं।
बचाव के उपाय
दिल और दांतों दोनों की रक्षा के लिए ज़रूरी है कि हम ओरल हाइजीन को गंभीरता से लें। विशेषज्ञों के अनुसार, नीचे दिए गए उपाय अपनाकर आप न सिर्फ मसूड़ों की बीमारियों से बच सकते हैं बल्कि अपने दिल को भी सुरक्षित रख सकते हैं...
दिन में दो बार ब्रश करें, विशेषकर रात में सोने से पहले।
नियमित रूप से फ्लॉस करें ताकि दांतों के बीच की गंदगी साफ हो सके।
हर 6 महीने में एक बार डेंटल चेकअप करवाएं।
अगर मसूड़ों से खून आता है या सूजन बनी रहती है तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें।
दांतों की सफाई केवल एक कॉस्मेटिक अभ्यास नहीं है बल्कि यह आपके पूरे शरीर, विशेषकर दिल के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खराब ओरल हाइजीन को नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। रात को ब्रश न करना एक छोटी सी गलती लग सकती है। लेकिन यह गलती आपके दिल की धड़कनों को हमेशा के लिए शांत कर सकती है।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।