मीट प्रमोटर्स के शिकंजे से बचें, जानें वेजिटेरियन और वेगन डायट का सच
नॉनवेज लवर्स और मीट प्रमोटर्स, शाकाहारी और वेगन डायट के बारे में कई तरह के भ्रम फैलाते नजर आते हैं। आप किसी गलतफहमी का शिकार ना हों इसलिए बचने के उपाय जान लें..;
Vegetarian And Vegan Diet: आजकल शाकाहारी (vegetarian) और वीगन (vegan) डाइट को लेकर काफी चर्चा है। लोग इसे सेहतमंद (healthy) और पर्यावरण (environment) के लिए बेहतर विकल्प मानते हैं। बॉलीवुड सितारों (Bollywood stars) और सेलेब्रिटीज़ (celebrities) के बीच भी यह एक ट्रेंड (trend) बन चुका है। लेकिन क्या सच में नॉनवेज (non-veg) छोड़ने से सेहत बेहतर हो जाती है? क्या प्लांट-बेस्ड (plant-based) डाइट हमेशा हेल्दी होती है? आइए जानते हैं इससे जुड़े आम मिथ (myths) और उनके पीछे की सच्चाई...
1. क्या प्लांट-बेस्ड डाइट हमेशा सेहतमंद होती है?
यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या खा रहे हैं। रेड मीट (red meat) के अधिक सेवन को कोलन कैंसर (colon cancer), मोटापा (obesity), हृदय रोग (heart disease) और डायबिटीज़ (diabetes) से जोड़ा जाता है लेकिन सिर्फ शाकाहारी (vegetarian) होना सेहतमंद होने की गारंटी नहीं है। अगर कोई व्यक्ति केवल फ्रेंच फ्राइज़ (French fries) और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (carbonated drinks) पर जीवित है तो वह भले ही वीगन हो लेकिन उसकी डाइट बिल्कुल भी हेल्दी नहीं कही जाएगी। इसके अलावा कई प्रोसेस्ड (processed) वीगन फूड में बहुत अधिक सोडियम (sodium) और प्रिज़र्वेटिव्स (preservatives) होते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। इसलिए डाइट हेल्दी है या नहीं, यह इस पर निर्भर करता है कि उसमें क्या शामिल किया जा रहा है।
2. क्या वेजिटेरियन डाइट अपनाने से वजन अपने आप कम हो जाता है?
सिर्फ शाकाहारी (vegetarian) बन जाने से वजन कम नहीं होगा। वजन कम करने के लिए संतुलित आहार (balanced diet) और नियमित व्यायाम (regular exercise) ज़रूरी होता है। हालांकि, शोध बताते हैं कि संतुलित प्लांट-बेस्ड (plant-based) डाइट अपनाने से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। क्योंकि इसमें फाइबर (fiber) अधिक और कैलोरी (calories) कम होती है। लेकिन यदि शाकाहारी भोजन में भी तला-भुना (fried food) या बहुत अधिक प्रोसेस्ड फूड (processed food) शामिल किया जाए तो वजन कम होना तो दूर, बढ़ भी सकता है।
3. क्या वेजिटेरियन और वीगन लोगों को पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता?
यह सबसे आम भ्रांतियों (misconceptions) में से एक है। दूध (milk) और अंडे (eggs) खाने वाले वेजिटेरियन लोगों के लिए प्रोटीन (protein) के भरपूर स्रोत मौजूद हैं। वीगन लोग भी टोफू (tofu), दालें (lentils), छोले (chickpeas), राजमा (kidney beans), क्विनोआ (quinoa), ओट्स (oats), बीज (seeds) और नट्स (nuts) से अच्छी मात्रा में प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। यहां तक कि पालक (spinach), ब्रोकोली (broccoli) और मटर (peas) जैसी हरी सब्जियों में भी प्रोटीन पाया जाता है। यानी, प्रोटीन की कमी केवल तभी हो सकती है जब डाइट संतुलित न हो।
4. शाकाहारी डाइट से मांसपेशियां नहीं बन सकतीं?
यह भी एक मिथक (myth) है। मांसपेशियों (muscles) के निर्माण के लिए सबसे ज़रूरी पोषक तत्व प्रोटीन (protein) है, जो कई प्लांट-बेस्ड (plant-based) स्रोतों से आसानी से मिल सकता है। इसके अलावा, मांसपेशियों की ग्रोथ (muscle growth) में कुल कैलोरी इनटेक (total calorie intake), स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (strength training) और सही न्यूट्रिएंट बैलेंस (nutrient balance) का बड़ा रोल होता है। बहुत से एथलीट्स (athletes) और बॉडीबिल्डर्स (bodybuilders) भी प्लांट-बेस्ड डाइट पर रहते हैं और मजबूत मांसपेशियां बना सकते हैं।
5. क्या मजबूत हड्डियों के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स ज़रूरी हैं?
हड्डियों (bones) की मजबूती के लिए डेयरी (dairy) नहीं बल्कि कैल्शियम (calcium) ज़रूरी होता है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा वीगन डाइट (vegan diet) से भी मिल सकती है। सोया उत्पाद (soy products), दालें (lentils), बीन्स (beans), पालक (spinach), तिल (sesame seeds), बादाम (almonds), अंजीर (figs) और समुद्री शैवाल (seaweed) कैल्शियम के बेहतरीन स्रोत हैं। हड्डियों के लिए विटामिन D (vitamin D) भी ज़रूरी है, जिसे धूप सेंककर (sun exposure) या फोर्टिफाइड फूड (fortified food) से प्राप्त किया जा सकता है।
6. क्या वेजिटेरियन डाइट में विटामिन B12 नहीं मिलता?
विटामिन B12 मुख्य रूप से जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में पाया जाता है इसलिए शाकाहारी (vegetarian) लोगों के लिए इसके सीमित स्रोत होते हैं। जो लोग दूध (milk) और अंडे (eggs) खाते हैं, उन्हें B12 मिल सकता है, लेकिन वीगन लोगों को फोर्टिफाइड फूड (fortified food) जैसे कुछ अनाज (cereals), सोया मिल्क (soy milk), टोफू (tofu) या सप्लिमेंट्स (supplements) का सहारा लेना पड़ सकता है।