कुलदीप यादव को नहीं खिलाने पर भड़के आर. अश्विन, बोले — स्पिनर को बाहर रखना भारी भूल

Team India Playing XI selection controversy: अश्विन के इन तीखे बयानों से साफ है कि टीम चयन को लेकर भीतर ही असहमति है. उनके मुताबिक कुलदीप यादव जैसे प्रभावशाली स्पिनर को नजरअंदाज़ करना न केवल रणनीतिक चूक है, बल्कि यह गेंदबाज़ी आक्रमण की थकान को भी और बढ़ा सकता है।;

Update: 2025-07-26 04:10 GMT

Ashwin on Kuldeep Yadav exclusion: भारतीय टीम के अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने के फैसले पर नाराज़गी जताई है. अश्विन ने टीम मैनेजमेंट की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह "स्पष्ट निर्णय" होना चाहिए था कि कुलदीप को मौका मिले, खासकर जब ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी चोटिल होकर बाहर हो चुके थे.

भारत ने चौथे टेस्ट के लिए तीन बदलाव किए. लेकिन कुलदीप यादव की जगह एक अतिरिक्त ऑलराउंडर के रूप में शार्दुल ठाकुर को शामिल किया गया. अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि नितीश कुमार रेड्डी के बाहर होने के बाद नंबर 6 पर कुलदीप यादव को शामिल करना समझदारी का फैसला होता. 15 दिनों का पूरा टेस्ट क्रिकेट हो चुका है, तेज़ गेंदबाज़ थक चुके हैं. सिराज थके हुए थे और बुमराह की गेंदबाज़ी भी लगातार आसान नहीं रही है, भले ही उनका वर्कलोड मैनेज किया गया हो.

कुलदीप की गैरमौजूदगी भारी पड़ी

अश्विन ने आगे कहा कि कुलदीप यादव को ना खिलाना भारत के लिए बड़ी चूक रही और फिलहाल इंग्लैंड इस टेस्ट में बढ़त में है. शुभमन गिल बुमराह को छह-सात ओवर के स्पेल नहीं दे पा रहे हैं. क्योंकि आप उन्हें लगातार गेंदबाज़ी नहीं करवा सकते। मुझे लगता है कि स्पिनर्स को बेहतर तरीके से रोटेट किया जा सकता था.

अश्विन ने टीम की "अतिरिक्त बल्लेबाज़ी विकल्प" के प्रति लगाव की भी आलोचना की और कहा कि नंबर 8 पर एक विशेषज्ञ स्पिनर को उतारना बेहतर होता. अगर किसी ने मुझे पहले कहा होता कि कुलदीप यादव पहले चार टेस्ट में एक भी मैच नहीं खेलेंगे तो मैं बहुत हैरान होता. दुर्भाग्यवश, हम बल्लेबाज़ी के प्रति जुनूनी हो गए हैं — हमें 20-30 अतिरिक्त रन चाहिए होते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि पहले इंग्लैंड में ये 20-30 रन की बढ़त काफी मायने रखती थी क्योंकि गेंदबाज़ों को पिच से मदद मिलती थी. लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. अगर आपका नंबर 7 और नंबर 8 मिलकर 60 रन बनाते हैं तो वो अब उतने निर्णायक नहीं रह गए. कुलदीप जैसे स्पिनर की भूमिका ज़्यादा जरूरी है.

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