अब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर पर विवाद, AAP के आरोप पर BJP का पलटवार

AAP alleged BJP: दिल्ली विधानसभा में हंगामा करते हुए आतिशी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार के हर ऑफिस से बीआर आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं.;

Update: 2025-02-24 13:05 GMT

Controversy over Ambedkar and Bhagat Singh photo: दिल्ली विधानसभा का पहला दिन हंगामेदार रहा. नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गईं. हालांकि, आतिशी के आरोप लगाने के बाद दिल्ली बीजेपी ने CM रेखा गुप्ता के दफ्तर की नई तस्वीर जारी की. इसमें रेखा गुप्ता की सीट के पीछे वाली दीवार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और महात्मा गांधी की तस्वीर नजर आ रही है. जबकि, दूसरी दीवार पर बाबा साहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हैं.

वहीं, दिल्ली विधानसभा में हंगामा करते हुए आतिशी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार के हर ऑफिस से बीआर आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं. आतिशी ने कहा कि भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता जगजाहिर है. आज उसकी दलित विरोधी मानसिकता का सबूत पेश किया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर कार्यालय में बाबा साहेब आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई हैं. लेकिन जब से भाजपा सत्ता में आई है, उसने मुख्यमंत्री कार्यालय से दोनों तस्वीरें हटा दी हैं. इससे पता चलता है कि भाजपा दलित विरोधी और सिख विरोधी पार्टी है.

हालांकि, सीएम रेखा गुप्ता ने ऑफिस ऑफिस की तस्वीरें जारी की हैं. जिसमें दिखाया गया है कि बीआर आंबेडकर और भगत सिंह की दोनों तस्वीरें अभी भी वहां लगी हुई हैं. हालांकि, उन तस्वीरों को दूसरी दीवारों पर लगाया गया है. विवाद के बी बीजेपी ने कहा है कि आप बिना किसी बात का मुद्दा बना रही है. क्योंकि वह राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार को पचा नहीं पा रही है. तस्वीरों के चयन या प्लेसमेंट से मुख्यमंत्री का कोई लेना-देना नहीं है. क्योंकि यह प्रशासन का काम है.

बीजेपी ने कहा कि एक प्रोटोकॉल है और इसे प्रशासन तय करता है, मुख्यमंत्री नहीं. प्रोटोकॉल के अनुसार, तस्वीरें वहां होंगी, चाहे वह बाबा साहेब की हों, भगत सिंह की हों या महात्मा गांधी की. कई बार प्रधानमंत्री और महात्मा गांधी की भी तस्वीरें होती हैं. आप से पूछिए कि जब वे आए थे तो वहां क्या तस्वीरें थीं. महात्मा गांधी जी और प्रधानमंत्री की तस्वीरें वहां थीं. लोग पहले ही आप को खारिज कर चुके हैं और उसे बाहर फेंक चुके हैं. इस तरह के मुद्दे बनाने से उन्हें कोई मदद नहीं मिलने वाली है. प्रोटोकॉल के अनुसार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें वहां होनी चाहिए.

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