आप सांसद संजय सिंह ने नेम प्लेट विवाद को दिया नया मोड़, बताया दलित विरोधी
संजय सिंह ने अरविन्द केजरीवाल की सेहत को लेकर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि दिल्ली के एलजी और बीजेपी जेल में ही केजरीवाल को मारना चाहती है. इसी कांफ्रेंस में नेम प्लेट विवाद को संजय सिंह ने नया मोड़ दिया
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-07-21 06:06 GMT
Name Plate Controversy: आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दुकानों पर नाम लिखने के मुद्दे को अब धार्मिक मुद्दे से अलग करते हुए जातिवाद से जोड़ दिया है. संजय सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए ये दावा किया कि दुकानों पर नाम लिखने से दलितों और आदिवासियों की दुकान से कौन सामन खरीदेगा. उन्होंने यहाँ तक आरोप लगाया कि देश की राष्ट्रपति को आदिवासी होने की वजह से राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया.
संजय सिंह ने दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने के मुद्दे को सिर्फ मुस्लिम समाज तक ही सिमित नहीं रखा. संजय सिंह ने कहा कि इसके पीछे बीजेपी की मनुवादी सोच है, जो दलित, आदिवासी और पिछड़े समाज की दुश्मन है. अगर कोई दुकानदार वाल्मीकि भोज्मल्या या जातव भोजनालय या निषाद टी स्टाल लिखता है तो क्या ये बीजेपी वाले उनके यहाँ खायेंगे पियेंगे?
इस आदेश से सिर्फ मुस्लिम समाज पर ही असर नहीं पड़ेगा बल्कि दलित/आदिवासी और पिछड़े समाज के दुकानदारों पर भी पड़ेगा. सबसे बड़ी बात ये है कि हमारे देश में मिलजुल कर रहने की संस्कृति है, ऐसे में बनारस के कई मुस्लिम भगवन की पोषक बनाते हैं. क्या उनसे पोषक लेना बंद कर दिया जाता है.
संजय सिंह ने बीजेपी को ही आरोपों के घेरे में लेते हुए ये कहा कि जब भगवन राम के मंदिर का शिलान्यास हुआ था तो तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था. ये बीजेपी की दलित विरोधी सोच का ही उदहारण है.
केजरीवाल की हत्या की साजिश
दरअसल संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की थी. जिसमें उनहोंने आम आदमी पार्टी लाइन को दोहराते हुए ये आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल की हत्या की साजिश रची जा रही है. इस साजिश में दिल्ली के एलजी आदि सब शामिल हैं, जो जेल के दस्तावेजों को जानबूझ कर मीडिया के सामने लीक करते हैं. हम ये दावा करते हैं कि अरविन्द केजरीवाल का शुगर लेवल लगातार कम हुआ है और उनका वजन भी. लेकिन बीजेपी ऐसी साजिश रच रही है कि अरविन्द केजरीवाल को जेल में नुक्सान हो जाए.
हम इस बात पर भी क़ानूनी सलाह ले रहे हैं कि तिहाड़ जेल प्रशासन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करवाया जा सकता है या नहीं? क्योंकि जानबूझ कर केजरीवाल की सेहत से खेला जा रहा है. जिस तरह से उनके शूगर लेवल के हालात हैं, ऐसे में वो कोमा में भी जा सकते हैं.
केजरीवाल को जब निचली अदालत से जमानत मिल गयी है, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गयी है तो सीबीआई से गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार करवाया गया है, ताकि वो जेल से बहार न आ पायें. इस पूरी साजिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं.