अहमदाबाद मोर्चरी में अफरातफरी: सिस्टम फेल | स्टाफ बेबस, परिजन परेशान | एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अहमदाबाद विमान हादसा न सिर्फ तकनीकी विफलता या मानवीय भूल का नतीजा है, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता की कमी ने भी पीड़ित परिवारों के दुख को कई गुना बढ़ा दिया है।;

Update: 2025-06-14 16:38 GMT

एयर इंडिया की दुखद विमान दुर्घटना के बाद सूरत से आए दर्जनों परिजन बीते दो दिनों से अहमदाबाद के शवगृह के बाहर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ना कोई सूचना, ना कोई आधिकारिक अपडेट और ना ही अपनों को अंतिम बार देखने की इजाजत। दर्द और गुस्से से भरे इन परिजनों को अब तक एक भी जवाब नहीं मिला है।

घटनास्थल पर मौजूद सिविल डिफेंस की टीम, विशेषकर थकी-हारी वॉर्डन हेमलता लगातार ड्यूटी पर हैं। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि यहां शव टुकड़ों में हैं। कुछ इतनी बुरी हालत में हैं कि पहचानना भी मुश्किल है।


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पहचान में मुश्किलें

संक्रमण और प्रदूषण के खतरे के कारण परिजनों को शवगृह या कोल्ड स्टोरेज में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही। इस फैसले ने उनके दुख को और बढ़ा दिया है। अपनों की एक झलक देखने के लिए तड़पते लोग इन पाबंदियों को मानने को तैयार नहीं, भले ही स्वास्थ्य खतरे हो। हेमलता बताती हैं कि यहां तक कि प्रशिक्षित कर्मचारी भी शवों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। मेडिकल अधिकारी या स्पष्ट सूचना के अभाव में परिजनों की मानसिक स्थिति और बिगड़ रही है।

परिजन नाराज

सूरत से चार घंटे की दूरी तय कर अहमदाबाद पहुंचे कई परिजन हताश हैं। एक गुस्साए रिश्तेदार ने बताया कि एयर इंडिया या गुजरात सरकार की तरफ से हमें एक फोन कॉल तक नहीं आया। कम से कम एक स्क्रीन लगाकर अपडेट तो दे सकते थे। हमें शव देखने भी नहीं दिया जा रहा।

एक ऐसे परिवार के सदस्य, जिसमें पिता, मां और एक छोटा बच्चा शामिल थे, ने बताया कि बच्चे के दादा एक कोने में चुपचाप बैठे हैं। उन्हें सिर्फ अपनी बेटी, बहू और पोते का चेहरा आखिरी बार देखना है।

सूचना का अभाव 

पहले जहां परिजनों को जानकारी दी जा रही थी, अब वह क्षेत्र भी पुलिस ने बैरिकेडिंग करके बंद कर दिया है। ना कोई वरिष्ठ अधिकारी सामने आ रहा है, ना डॉक्टर, ना ही एयर इंडिया का कोई प्रतिनिधि। राहत व आपदा विभाग का कोई वरिष्ठ जिम्मेदार चेहरा भी नदारद है। एक रिश्तेदार ने नाराजगी जताई कि कम से कम कोई वरिष्ठ अधिकारी आकर बात तो करे। वहीं, सिविल डिफेंस के कर्मचारी भी असहाय नजर आए — न उनके पास सूचना है, न वे परिजनों को सांत्वना देने की स्थिति में हैं।

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