बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जारी की 25 उम्मीदवारों की सूची

पिछले चुनाव में सीमांचल इलाके में असदुद्दीन औवैसी की पार्टी AIMIM ने अच्छी सफलता हासिल की थीऔर उसके 5 विधायक जीत कर आए थे। हालांकि बाद में उसके 4 विधायक आरजेडी में चले गए थे।

Update: 2025-10-19 08:40 GMT
पिछले चुनाव में ओवैसी की पार्टी के 5 विधायक जीते थे

AIMIM ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 25 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस मौके पर पार्टी ये बताना नहीं भूली कि यह सूची AIMIM बिहार यूनिट ने सभी से सलाह-मशविरा करके तैयार की है।

एआईएमआईएम ने पिछले विधानसभा चुनावों में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। 2020 के चुनावों में पार्टी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी और कुछ क्षेत्रों में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को प्रभावित किया था. हालांकि, चुनाव के बाद पार्टी के चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे, जिससे अख्तरुल इमान विधानसभा में एआईएमआईएम के एकमात्र विधायक रह गए थे।

वहीं, कांग्रेस ने शनिवार को अपनी दूसरी सूची जारी की, जिसमें नरकटियागंज, किशनगंज, कसबा, पूर्णिया और गया टाउन सीटों के उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।

महागठबंधन (RJD-कांग्रेस) पहले चरण के मतदान के लिए सीटों के बंटवारे पर अब तक कोई अंतिम समझौता नहीं कर पाया है। दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख सोमवार है।

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वह नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे, क्योंकि महागठबंधन में शामिल होने के उनके प्रयास असफल रहे।

पारस ने कहा, “मैंने इस बार महागठबंधन के साथ गठबंधन करने की काफी कोशिश की, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।” उन्होंने यह बयान RLJP की ओर से 33 उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए दिया।

इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में बयान देकर सहयोगी दल जदयू (JD(U)) के भीतर हलचल मचा दी। शाह ने कहा कि अगर बिहार में एनडीए (NDA) जीतता है, तो मुख्यमंत्री का चयन “खुला” रहेगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि एनडीए जदयू प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है, लेकिन नए मुख्यमंत्री पर निर्णय चुनाव के बाद लिया जाएगा।

इस बयान के जवाब में जदयू ने दोहराया कि नीतीश कुमार, स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बावजूद, अब भी बिहार में एनडीए का सबसे मजबूत चेहरा हैं।

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