दिल्ली एयरपोर्ट और कई स्कूलों को बम धमकी से अफरातफरी; बाद में धमकी फर्ज़ी निकली

धमकी पाने वाले जिन दर्जनों स्कूलों में डीपीएस आर.के. पुरम, अमिटी इंटरनेशनल, बिरला विद्या निकेतन और ज्ञान भारती शामिल थे। धमकी भेजने वाले ने खुद को “बुराई की संतान” बताया।

Update: 2025-09-28 17:21 GMT
दिल्ली के कई स्कूलों को रविवार को झूठे बम धमाके की ईमेल धमकी मिली।

दिल्ली हवाईअड्डा और कई स्कूलों को रविवार सुबह बम की धमकी मिली, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में अफरातफरी मच गई। हालांकि जांच के बाद इसे फर्ज़ी घोषित कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह धमकी भरे ईमेल रविवार को भेजे गए, जो राजधानी के कई स्कूलों को पिछले हफ्ते मिले ऐसे ही ईमेल के बाद आए हैं।

सबसे ताजा ईमेल "Terrorizers111" नाम के अकाउंट से भेजे गए थे। इनमें दावा किया गया कि कैंपसों और अन्य संस्थानों में विस्फोटक लगाए गए हैं और चेतावनी दी गई कि अगर 24 घंटे के भीतर प्रतिक्रिया नहीं दी गई तो खून-खराबा होगा।

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL), जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGIA) का संचालन करता है, ने ईमेल प्राप्त होने की पुष्टि की। धमकी पाने वाले स्कूलों में डीपीएस आर.के. पुरम, एमिटी इंटरनेशनल, बिरला विद्या निकेतन और ज्ञान भारती शामिल थे। ईमेल भेजने वाले ने खुद को "the child of evil" (बुराई की संतान) बताया।

अधिकारियों ने कहा कि स्कूल प्रशासन ने तुरंत स्थानीय पुलिस को अलर्ट किया। डीपीएस आर.के. पुरम ने सुबह ईमेल को स्थानीय थाना प्रभारी (SHO) को फॉरवर्ड कर दिया। पुलिस टीमें, बम निरोधक दस्ते और डॉग यूनिट्स के साथ सभी स्थानों पर भेजी गईं। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कहीं भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।

20 सितंबर को भी शहर के कई संस्थानों को अलग-अलग ईमेल पतों से ऐसी ही फर्ज़ी धमकियाँ भेजी गई थीं, जिनकी सब्जेक्ट लाइन थी — "Bombs placed in your building, react or face disaster" (आपकी इमारत में बम रखे गए हैं, प्रतिक्रिया दें या तबाही झेलें)। उस ईमेल में "Azuk" नाम से हस्ताक्षर किए गए थे और भेजने वाले ने खुद को "the definition of pure hatred" (शुद्ध नफरत की परिभाषा) बताया था। उस दिन डीपीएस द्वारका, सर्वोदय विद्यालय और कृष्णा मॉडल स्कूल को धमकी भरे फोन कॉल भी मिले थे। कोई विस्फोटक नहीं मिला, लेकिन डीपीएस द्वारका ने अपना परिसर बंद कर दिया, छात्रों को घर भेजा और मिड-टर्म परीक्षाएँ स्थगित कर दीं। रविवार को भेजे गए ईमेल में भी वही सब्जेक्ट लाइन इस्तेमाल की गई। बीते कुछ महीनों में ऐसे ईमेल ने बार-बार राजधानी के कई हिस्सों में सामान्य गतिविधियों को बाधित किया है।

जुलाई में, एक ही सुबह 40 से अधिक स्कूलों को धमकी वाले ईमेल मिले थे। अगस्त में, 32 निजी स्कूलों को एक हफ्ते में निशाना बनाया गया था, जिनमें से एक मामले में पाया गया कि एक छात्र ने परीक्षा से बचने के लिए अपने ही स्कूल को फर्ज़ी धमकी भेजी थी। अधिकारियों ने बताया कि भले ही इनमें से कई ईमेल विदेश से चल रहे सर्वर, वीपीएन या मास्क अकाउंट से भेजे गए हों, लेकिन कुछ मामलों में जांच का धागा नाबालिग छात्रों तक पहुंचा जो ऑनलाइन गुमनामी का दुरुपयोग कर रहे थे।

धमकियाँ सिर्फ स्कूलों तक सीमित नहीं रही हैं। दो हफ्ते पहले, दिल्ली हाईकोर्ट को खाली कराया गया था जब एक ईमेल में दावा किया गया कि जज के चेंबर में बम लगाया गया है। वह भी फर्ज़ी निकला।

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