उत्तराखंड : बारिश और भूस्खलन के बीच हेलीकॉप्टर से पहुंचे परीक्षा केंद्र

राजस्थान के रहने वाले चार युवक उत्तराखंड से बीएड का कोर्स कर रहे हैं, चारों का परीक्षा केंद्र मुन्सियारी में पड़ा था, लेकिन भू-स्खलन के चलते हल्द्वानी से आगे का सफ़र नामुमकिन था.;

Update: 2025-09-07 17:38 GMT
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Landslide Can't Stop Helicopter : भारी बारिश और भूस्खलन से सड़कें जाम होने के बावजूद राजस्थान के बाड़मेर जिले के चार छात्रों ने हिम्मत नहीं हारी। बी.एड. की अंतिम सेमेस्टर परीक्षा देने के लिए उन्होंने एक अनोखा तरीका अपनाया—हेलीकॉप्टर से उड़ान भरकर परीक्षा केंद्र पहुंचे।

राजस्थान के बाड़मेर के बालोतरा क्षेत्र से आए इन छात्रों में उमराम चौधरी (नेवरी गांव), मगराम चौधरी (सिंधारी), प्रकाश चौधरी (बांकियावास) और लकी चौधरी (गीड़ा) शामिल हैं। ये सभी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से बी.एड. की डिग्री पत्राचार माध्यम से कर रहे हैं। 3 सितंबर को इनकी अंतिम परीक्षा मुनस्यारी के आरएस टोलिया पीजी कॉलेज में निर्धारित थी।

छात्र पहले किसी तरह हल्द्वानी तक सड़क मार्ग से पहुंचे, लेकिन वहां से आगे का सफर बारिश और भूस्खलन के कारण असंभव हो गया। हल्द्वानी-पिथौरागढ़ और टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग बंद थे, जिसके चलते टैक्सी चालकों ने भी उन्हें ले जाने से मना कर दिया।

इसी बीच छात्रों को हेलीकॉप्टर सेवा की जानकारी मिली। उन्होंने हेरिटेज एविएशन के सीईओ से संपर्क कर स्थिति बताई और मदद की गुहार लगाई। कंपनी ने विशेष प्रबंध किए और दो पायलटों के साथ हेलीकॉप्टर भेजा। छात्रों ने हल्द्वानी से उड़ान भरकर मात्र 25-30 मिनट में मुनस्यारी पहुंच परीक्षा दी और उसी रास्ते लौट आए।

जहां सड़क से हल्द्वानी से मुनस्यारी की दूरी लगभग 280 किलोमीटर है और यात्रा में सामान्यतः 10 घंटे लगते हैं, वहीं हेलीकॉप्टर ने इसे आधे घंटे से भी कम समय में पूरा कर दिया। प्रत्येक छात्र ने एकतरफा यात्रा के लिए लगभग 5,200 रुपये और आने-जाने में कुल 10,400 रुपये खर्च किए।

चारों छात्र वर्तमान में विभिन्न स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और साथ ही बी.एड. की पढ़ाई भी जारी रखे हुए हैं।

छात्र उमराम चौधरी ने कहा, “हम बहुत निराश हो चुके थे, लग रहा था कि एक साल की मेहनत बेकार जाएगी। लेकिन हेलीकॉप्टर सेवा ने हमें बचा लिया।” वहीं मगराम चौधरी ने इस अनुभव को रोमांचक और यादगार बताया।

इस अनोखे सफर ने न केवल छात्रों को परीक्षा दिलाई बल्कि विपरीत परिस्थितियों में जज़्बे और संकल्प की भी मिसाल पेश की।


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