बदलापुर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राजनीतिक दलों के महाराष्ट्र बंद बुलाने पर लगाई रोक

न्यायालय ने राज्य सरकार को बंद को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है. अदालत ने इस बात पर चिंता जताई है कि बंद के दौरान हिंसा भड़कने से सार्वजनिक संपत्ति का नुक्सान होता है.

Update: 2024-08-23 12:13 GMT

Badlapur Sexual Exploitaion Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार (23 अगस्त) को सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तियों को महाराष्ट्र बंद का आह्वान करने पर रोक लगा दी है. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो किंडरगार्टन लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में 24 अगस्त को राज्य भर में बंद का आह्वान किया है. इस बंद के खिलाफ दायर याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुनाया है.


विस्तृत आदेश जल्द ही
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बंद को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी. न्यायाधीशों ने कहा कि वे बंद के आह्वान को चुनौती देने वाली अधिवक्ता सुभाष झा और गुणरत्न सदावर्ते के माध्यम से शुक्रवार को दायर दो याचिकाओं पर शीघ्र ही विस्तृत आदेश पारित करेंगे. उच्च न्यायालय ने कहा, "हम किसी भी राजनीतिक दल/ या और किसी भी व्यक्ति को बंद का आह्वान करने से रोक रहे हैं. राज्य को सभी निवारक कदम उठाने होंगे."
राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत को बताया कि आम हड़ताल का आह्वान अवैध था.

राज्य से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया
सराफ ने कहा, "राज्य सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी कि मानव जीवन या संपत्ति को कोई नुकसान या विनाश न हो. राज्य अपना कर्तव्य निभाएगा लेकिन सभी की संवैधानिक जिम्मेदारियां हैं, जिनका उन्हें पालन करना चाहिए." अदालत ने सराफ से पूछा कि सरकार ने क्या निवारक कदम उठाए हैं और क्या कोई निवारक गिरफ्तारी की गई है. सराफ ने कहा कि कुछ लोगों को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

राज्य ने केरल का मामला बताया
अधिवक्ता झा और सदावर्ते ने केरल उच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि कोई भी राजनीतिक दल राज्यव्यापी बंद का आह्वान नहीं कर सकता है और उच्च न्यायालय के पास ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करने की पर्याप्त शक्तियां हैं. उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन का भी उदाहरण दिया, जिसके दौरान बड़ी मात्रा में सार्वजनिक संपत्ति नष्ट कर दी गई थी.

ज्ञात रहे कि बदलापुर मामले को लेकर महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन ने 24 अगस्त को बंद का आवाहन किया था. हालाँकि राज्य सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर कई तरह से कारवाई की जा चुकी है. एसआईटी का गठन भी किया जा चूका है. लेकिन इसके बाद भी थाणे जिले में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किये गए, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राजनीती से प्रेरित बताया था.

(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)


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