थक गया था उससे इसलिए मार डाला, हत्यारे की डायरी से सनसनीखेज जानकारी

बेंगलुरु के महालक्ष्मी मर्डर केस का खुलासा हो चुका है। महालक्ष्मी का हत्यारा भी अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उसके सुसाइड नोट से जो जानकारी मिली है वो दिल दहलाने वाली है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-09-27 08:31 GMT

बेंगलुरु का महालक्ष्मी मर्डर केस इस वजह से चर्चा में आया कि उसकी तुलना दिल्ली की श्रद्धा वाकर केस की तरह थी। महालक्ष्मी की शरीर के 59 टुकड़ों फ्रिज में थे। कमरे में कुछ बॉडी पार्ट्स इधर उधर बिखरा हुआ था। इस घटना की जानकारी हत्या के करीब 13-14 दिन बाद हुई थी। कर्नाटक की पुलिस ने मौका मुआयना किया, साक्ष्य जुटाए। जिन लोगों पर शक हो सकता था उनसे पूछताछ हुई। पहले तो यह केस ब्लाइंड नजर आ रहा था। लेकिन बाद में बेंगलुरु पुलिस कातिल का पता लगाने में कामयाब हुई। बेंगलुरु से ओडिशा जाने का फैसला किया। लेकिन उसके पहले ही हत्यारे ने खुदकुशी कर ली थी। उसके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ और उससे जो जानकारी सामने आई वो हैरान करने वाली है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक  महालक्ष्मी हत्याकांड में मुख्य संदिग्ध मुक्ति रंजन रे के भाई सत्या ने हैरान करने वाली जानकारी दी है।  पीड़िता के शरीर को 59 टुकड़ों में काटा गया था और  दो-तीन महीने बाद अवशेषों को नष्ट करने की योजना बनाई थी। ओडिशा में बुधवार को 30 वर्षीय महिला की कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद यह बात सामने आई है। मुक्ति और महालक्ष्मी (29), जो अपने पति से अलग हो गई थी, बेंगलुरु के एक मॉल में एक गारमेंट आउटलेट में साथ काम करती थी।

मुक्ति के भाई सत्या के अनुसार दोनों एक रिश्ते में थे। महालक्ष्मी ने जोर देकर कहा कि उनका रिश्ते के नाम को मिलना चाहिए। यानी शादी करने का दबाव बना रही थी। लेकिन इसकी वजह से दोनों के बीच मनमुटाव हो गया। सत्या ने कहा कि उसके भाई ने बताया था कि उसने 3 सितंबर को हाथापाई के बाद महालक्ष्मी की  गला घोंटकर हत्या कर दी। रात में उसने उसके शरीर के टुकड़े किए और टुकड़ों को रेफ्रिजरेटर में छिपा दिया। मुक्ति की डायरी में मिले नोट के हवाले से पुलिस ने कहा कि कई बार, उसने शादी के लिए राजी न होने पर मेरे साथ मारपीट की थी और वो उसके अत्याचारों से तंग आ गया था। इसलिए, उसने मार डाला।

पुलिस को संदेह है कि मुक्ति ने गिरफ्तारी के डर से यह कदम उठाया। बेंगलुरु पुलिस पिछले कुछ दिनों से उसे पकड़ने के लिए ओडिशा में डेरा डाले हुए थी। सत्या के अनुसार महालक्ष्मी अक्सर पैसे और आभूषण मांगती थी। वह उसे प्रताड़ित कर रही थी। हाल ही में वे दोनों केरल गए थे, जहां उनका झगड़ा हुआ। जिसके बाद उसने पुलिस को बताया कि मेरे भाई ने उसका अपहरण कर लिया है। मेरे भाई को पुलिस ने छोड़ने से पहले पीटा था।  हालांकि बेंगलुरु पुलिस का दावा है कि मुक्ति ने अपराधबोध के कारण अपनी जान दे दी।

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