भाजपा की पूर्व प्रवक्ता बनीं बॉम्बे हाईकोर्ट की जज, महाराष्ट्र की सियासी बहस के केंद्र में आरती साठे
बॉम्बे हाईकोर्ट की जज बनीं आरते जटिल टैक्स मामलों की विशेषज्ञ हैं। और उन्हें आरएसएस ओर भारतीय जनता पार्टी जुड़ा बताया जाता है।;
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा ऐसी शख्सियत की सिफारिश किए जाने पर विपक्ष सवाल उठा रहा है, जो जनवरी 2023 से लगभग 11 महीनों तक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा से जुड़ी रही थीं। इस पर भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि आरती साठे नियमित प्रवक्ता नहीं थीं, और उनकी नियुक्ति प्रतीकात्मक थी।
आरती साठे पेशे से वकील हैं और उन्हें 20 वर्षों का कानूनी अनुभव है। कानूनी पेशे से जुड़ी, जटिल टैक्स मामलों की विशेषज्ञ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) व भारतीय जनता पार्टी (BJP) से परिचित आरती साठे उस समय सुर्खियों में आ गईं जब 28 जुलाई को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट की जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई।
एक मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में जन्मी साठे के माता-पिता भी कानून के पेशे से जुड़े रहे हैं। बचपन से ही उन्होंने मुंबई में कोर्ट, केस, बहस और कानूनी प्रक्रिया को करीब से देखा है।
हालाँकि वे आम तौर पर पर्दे के पीछे रहकर काम करती रही हैं, लेकिन जज के रूप में उनकी नियुक्ति को लेकर मचे शोर ने उनके कानूनी साथियों को थोड़ा विचलित किया है।
एक वरिष्ठ वकील, जो साठे और उनके परिवार को जानते हैं, ने कहा, “मैं इस नियुक्ति की राजनीति पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन जो लोग उन पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें उनके पेशेवर कार्यों के आधार पर आंकना चाहिए। उन्होंने कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। इसके अलावा, उन्हें प्रोबेशन पर रखा जाएगा और अपने निर्णयों के ज़रिए खुद को साबित करना होगा। फिर विपक्ष एक पेशेवर वकील के ज़रिए भाजपा पर हमला क्यों कर रहा है?”
बीस वर्षों के कानूनी अनुभव के साथ, साठे ने मुख्य रूप से प्रत्यक्ष कर मामलों में विशेषज्ञता हासिल की है और उन्होंने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI), प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT), कस्टम्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल (CESTAT) के समक्ष केस लड़े हैं। इसके अलावा, उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में वैवाहिक विवादों से जुड़े मामले भी लड़े हैं।
अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने इकोनॉमिक लॉ प्रैक्टिस (ELP) के साथ काम किया और वरिष्ठ वकील पर्सी पारदीवाला के चेम्बर का भी हिस्सा रहीं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्ट्स में भी बहस की है।
उनका पारिवारिक संबंध भी RSS और BJP से रहा है। उनके पिता, अरुण साठे, एक प्रख्यात वकील हैं और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के भाई हैं। वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं और पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।
हालाँकि आरती साठे को फरवरी 2023 में मुंबई भाजपा की प्रवक्ता के रूप में आधिकारिक तौर पर नियुक्त किया गया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे पार्टी कार्यालय में अन्य पदाधिकारियों की तरह नियमित रूप से नहीं देखी जाती थीं। इसके अलावा, उन्होंने मुंबई भाजपा की लीगल सेल की प्रमुख के रूप में भी काम किया था। एक सूत्र के अनुसार, "उनकी प्रवक्ता के रूप में नियुक्ति केवल प्रतीकात्मक थी।" उन्होंने जनवरी 2024 में पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
हालाँकि, वे सेमिनारों और मंचों पर भाग लेती रहीं और महिलाओं की शिक्षा और रोजगार में भूमिका को लेकर मुखर रहीं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “महिलाओं को आपस में सहयोग करना चाहिए, एक-दूसरे को उड़ान देनी चाहिए और प्रेरणा देनी चाहिए... उन्हें जीवन के हर क्षेत्र से समान सोच वाले लोगों के साथ नेटवर्क बनाना चाहिए।”
28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनकी नियुक्ति की सिफारिश के बाद से विपक्ष हमलावर है और सरकार से सवाल कर रहा है कि "भाजपा से जुड़ी किसी व्यक्ति को इतने उच्च पद पर कैसे नियुक्त किया जा सकता है?"
आरती साठे को दो अन्य वकीलों, अजीत कडेठणकर और सुशील घोडेस्वर, के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जब केंद्र सरकार उनकी नियुक्ति को मंजूरी देकर अधिसूचना जारी करेगी।
वर्तमान में बॉम्बे हाईकोर्ट में कुल 66 जज हैं, जिनमें से 50 स्थायी और 16 अतिरिक्त न्यायाधीश हैं। अदालत की स्वीकृत जजों की संख्या 94 है।