कारोबारी ने पत्नी के साथ की आत्महत्या, ED पर लगाया गंभीर आरोप! राहुल गांधी की वजह से किया परेशान

ED raid: ईडी के जांच के घेरे में आए एक कारोबारी और उनकी पत्नी ने मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में अपने घर पर सुसाइड कर लिया. उन्होंने इसका जिम्मेदार ईडी को बताया है.;

Update: 2024-12-14 09:01 GMT

businessman and wife committed suicide: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिले (Sehore) के एक कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली. शुक्रवार सुबह घर में ही दोनों का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला था. कारोबारी मनोज परमार मनी लांड्रिंग के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जांच के घेरे में आए थे. 5 दिसंबर को मृतक कारोबारी के घर और दफ्तर पर ईडी ने छापे मारे थे. इसके बाद से ही वह परेशान चल रहे थे. उनके घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. परिजनों ने ईडी (ED) के छापे को मौत का जिम्मेदार ठहराया है. फिलहाल पुलिस भी मामले की जांच कर रही है. बता दें कि मृतक कारोबारी परमार ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में जांच के घेरे में आए एक कारोबारी और उनकी पत्नी शुक्रवार सुबह मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर जिले (Sehore) में अपने घर पर मृत पाए गए. जानकारी के अनुसार, मनोज परमार और नेहा गुरुवार को अपने तीन बच्चों के साथ सुसनेर में एक मंदिर गए थे और देर रात वापस लौटे. शुक्रवार सुबह जब दंपति नहीं जागे तो बड़ा बेटा उन्हें देखने गया और पाया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस सुबह करीब 8.30 बजे पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

पुलिस के मुताबिक, परमार ने पांच पन्नों का एक नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने ईडी (ED) अधिकारियों पर छापेमारी के दौरान उन पर हमला करने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि ईडी की टीम ने उनके घर पर कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तस्वीर देखी, जिसके बाद एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि छापेमारी का कारण यही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को संबोधित करते हुए अपने कथित सुसाइड नोट में परमार ने लिखा कि वह यह कदम उठाने के लिए मजबूर हैं. क्योंकि ईडी उन्हें परेशान कर रहा है. क्योंकि वह आपसे जुड़े थे और कांग्रेस (congress) के लिए काम करते थे.

उन्होंने लिखा कि मेरी मौत के बाद इन बच्चों की जिम्मेदारी आपकी और कांग्रेस (congress) की है. इससे यह संदेश जाएगा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है. वहीं, भोपाल में ईडी (ED) अधिकारियों ने आरोपों का जवाब देने से इनकार कर दिया. मामले में ईडी पंचनामा रिपोर्ट में कहा गया है कि "पूरी तलाशी शांतिपूर्ण तरीके से की गई, जिससे परिसर में मौजूद लोगों की किसी भी धार्मिक या व्यक्तिगत भावनाओं को ठेस न पहुंचे. संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया गया.

सीहोर (Sehore) के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है. हम जांच कर रहे हैं और अभी तक परिवार से बात नहीं की है, जो अंतिम संस्कार में व्यस्त थे. पुलिस परमार द्वारा छोड़े गए नोट की सत्यता की जांच कर रही है. हम इसे सुसाइड नोट नहीं कह रहे हैं. जब तक हम जांच नहीं कर लेते, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. हमने कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जाएगी.

इस घटना के बाद कांग्रेस (congress) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि मनोज परमार के बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल जी (Rahul Gandhi) को गुल्लक भेंट की थी. मनोज के घर पर ईडी ने छापा मारा. मनोज के अनुसार, उस पर छापा इसलिए मारा गया. क्योंकि वह कांग्रेस (congress) समर्थक है. मैंने मनोज के लिए वकील की व्यवस्था भी की थी. लेकिन मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मनोज इतना डर ​​गया था कि उसने और उसकी पत्नी ने आज सुबह आत्महत्या कर ली. मैं ईडी (ED) के निदेशक से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं.

वहीं, भाजपा प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने जवाब दिया कि मौत पर राजनीति करना कांग्रेसियों का पुराना गिद्ध चरित्र है. वे इसका दुरुपयोग अपने निजी हितों को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. मामला ईडी (ED) ने परमार और पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ शाखा प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी. एफआईआर और चार्जशीट के अनुसार, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत लगभग 6 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था. हालांकि, इन निधियों का कथित तौर पर दुरुपयोग किया गया. एफआईआर में परमार पर जालसाजी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है. उन पर फर्जी कोटेशन, बिल और टिन नंबर देकर सरकारी योजना के तहत करोड़ों रुपये के लोन दिलाने का आरोप है. जबकि वे लोन कारोबार में शामिल नहीं थे.

सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाई कोर्ट ने दिसंबर 2017 में दर्ज सीबीआई एफआईआर को रद्द करने के लिए परमार द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था. परमार की याचिका में तर्क दिया गया कि स्थानीय पुलिस ने अक्टूबर 2017 में इसी तरह का मामला दर्ज किया था. हाल ही में हुई छापेमारी 5 दिसंबर को ईडी (ED) के भोपाल जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत परमार और अन्य के खिलाफ अपनी जांच के तहत सीहोर और इंदौर में चार परिसरों में तलाशी अभियान चलाया.

7 दिसंबर को जारी एक प्रेस नोट में ईडी (ED) ने कहा कि तलाशी उन प्रमुख व्यक्तियों के आवासों को लक्षित करके की गई, जो अपराध की आय के लाभार्थी थे या जिन्होंने बैंक धोखाधड़ी योजना में ऐसे व्यक्तियों की सक्रिय रूप से सहायता की और उन्हें बढ़ावा दिया. ईडी (ED) ने दावा किया कि तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और अचल और चल संपत्तियों के विवरण पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया. कुछ व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए और 3.5 लाख रुपये का बैंक बैलेंस फ्रीज कर दिया गया. ईडी (ED) ने इसमें शामिल प्रमुख व्यक्तियों से जुड़ी चार अचल संपत्तियों की भी पहचान की है.

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