फर्जी डॉक्टर ने की 15 हार्ट सर्जरी, दो मौतों की पुष्टि, NHRC कर रही जांच

मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले का है, जहाँ एक व्यक्ति ने खुद को लन्दन का डॉ एन जॉन कैम के तौर पर प्रस्तुत किया और फिर अस्पताल में हार्ट सर्जरी करने लगा.;

Update: 2025-04-06 18:03 GMT

Fake Cardiologist : मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक प्रतिष्ठित मिशन अस्पताल में, दो महीनों की अवधि में 15 हार्ट सर्जरी करने वाले एक शख्स के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायत के अनुसार, वह व्यक्ति हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) नहीं था, बल्कि एक फर्जी डॉक्टर था जो खुद को लंदन के प्रसिद्ध डॉक्टर एन जॉन कैम (N John Camm) बताकर पेश कर रहा था।


फर्जी पहचान और इलाज से मौतें

आरोपी की पहचान नरेंद्र यादव के रूप में हुई है, जिसने एन जॉन कैम के नाम का दुरुपयोग करते हुए मरीजों का इलाज किया। फरवरी 2025 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि गलत इलाज के चलते कई मरीजों की मौत हो गई। शिकायत दर्ज होने के बाद से आरोपी फरार है।


अधिकारियों ने की पुष्टि

दमोह के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मुकेश जैन और जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO) डॉ. विक्रम चौहान ने अब तक दो मौतों की पुष्टि की है, जो कथित लापरवाही का परिणाम बताई जा रही हैं।


प्रशासन की कार्रवाई

दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर के अनुसार मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की जाएगी।


पीड़ित परिवारों का दुख

इस घटना से कई परिवार सदमे में हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया।

नबी कुरैशी की 63 वर्षीय मां रहीसा बेगम को 13 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने के बाद मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया। 14 जनवरी को एंजियोग्राफी और 16 जनवरी को एंजियोप्लास्टी के दौरान उन्हें फिर से गंभीर हार्ट अटैक आया, और उनकी मौत हो गई।
नबी कुरैशी ने बताया, "हमें बताया गया कि मौत हार्ट अटैक से हुई, इसलिए हमने पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया। बाद में मीडिया से पता चला कि ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर फर्जी था। अस्पताल या प्रशासन की ओर से आज तक कोई संपर्क नहीं हुआ।"

एक अन्य मामला जितेंद्र सिंह का है, जिनके पिता मंगल सिंह को 4 फरवरी को गैस की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। एंजियोग्राफी के बाद हार्ट सर्जरी की गई, लेकिन ऑपरेशन के कुछ ही घंटों में उनकी मौत हो गई।
जितेंद्र ने कहा, "ऑपरेशन से पहले और बाद में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। उन्होंने हमें 8,000 रुपये का इंजेक्शन खरीदने को कहा, लेकिन वह लगाया ही नहीं गया।"


NHRC की जांच टीम का दौरा

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम 7 से 9 अप्रैल के बीच दमोह का दौरा करेगी। आयोग के सदस्य प्रियांक कनूंगो ने कहा कि जांच टीम अस्पताल, प्रशासन और शिकायत में उल्लेखित सभी पक्षों की जांच करेगी।


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