एक्टिव पॉलीटिक्स में प्रवेश करेंगे सीएम नीतीश के बेटे निशांत कुमार? अटकलें तेज

पिछले कुछ हफ्तों से ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत को औपचारिक रूप से जेडी(यू) में शामिल करा सकते हैं.

Update: 2024-06-19 12:12 GMT

Nitish Kumar Son Nishant Kumar: बिहार में अटकलें लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर सकते हैं.बता दें कि जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार एकांतप्रिय इंसानहैं और उनको अपने पिता के साथ सार्वजनिक रूप से बहुत कम मौकों पर देखा जाता है. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों से ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि 73 वर्षीय नेता पार्टी के भीतर की मांगों पर सहमत हो सकते हैं कि निशांत को औपचारिक रूप से जेडी(यू) में शामिल करा लिया जाए.

निशांत कुमार के पार्टी ज्वाइन करने का मकसद यह है कि दूसरे पायदान के नेतृत्व की कमी है को नीतीश कुमार के सुप्रीमो के पद छोड़ने के बाद उनकी जगह ले सके.

वहीं, इस सप्ताह यह अटकलें तेज हो गईं, जब पार्टी से जुड़े और राज्य खाद्य आयोग के प्रमुख विद्यानंद विकल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया कि बिहार को नए राजनीतिक परिदृश्य में युवा नेतृत्व की जरूरत है और निशांत कुमार में सभी अपेक्षित गुण हैं.

विकल ने लिखा कि मैं जेडी(यू) के कई साथियों द्वारा व्यक्त की गई राय से सहमत हूं कि वह पहल करें और राजनीति में सक्रिय हों. हालांकि, जब इस संबंध में जेडी(यू) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नीतीश कुमार कैबिनेट के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक विजय कुमार चौधरी से सवाल पूछे गए तो उन्होंने दावा किया कि अटकलें 'निराधार' हैं. चौधरी ने कहा कि मैं पार्टी के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि वे इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से न जाएं, जिसका कोई आधार नहीं है.

हालांकि, इस बात से लोगों के मन में संदेह पैदा हो सकता है. जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या सीएम के साथ उनकी बैठकों में कभी इस विषय पर चर्चा हुई हैतो चौधरी ने कहा कि मैंने जो कहा है, वह सवाल का पर्याप्त जवाब है. इस बीच जेडी(यू), जो लोकसभा चुनावों में भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी बनकर उभरी है, इस महीने के अंत में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए तैयार है.

जेडी(यू) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकें नियमित अंतराल पर होनी चाहिए. आदर्श रूप से, यह बैठक जून के शुरू में होनी चाहिए थी. लेकिन राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण इसमें बाधा आ सकती है. नाम न बताने की शर्त पर पदाधिकारी ने कहा कि हमें बैठक में किसी बड़े निर्णय की उम्मीद नहीं है.

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