कर्नाटक में ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी का दूसरा दौर, 2 दिसंबर को सिद्धारमैया करेंगे शिवकुमार के घर मुलाक़ात
दूसरी नाश्ता बैठक कर्नाटक कांग्रेस में चल रही ताकत की जंग में सुलह का संकेत देती है, हाईकमान ने फिलहाल सिद्धारमैया को ही CM बनाए रखने का संदेश दिया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार के बीच चल रहे शक्ति-संघर्ष की ताज़ा कड़ी में अब सिद्धारमैया 2 दिसंबर को डीके शिवकुमार के घर जाने वाले हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कदम राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस में महीनों से जारी खींचतान के बाद एकता और समझौते का संदेश देने की कोशिश है।
‘नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा’
कुछ दिन पहले ही शिवकुमार CM के घर नाश्ते के लिए गए थे। उस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन किया और साफ़ कहा कि फिलहाल नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा।
इशारा साफ़ था कि मुख्यमंत्री बदलने का मुद्दा फिलहाल रोक दिया गया है और सिद्धारमैया ही CM बने रहेंगे। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर हुई उस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि अब “किसी तरह की कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी।
नेतृत्व के सवाल पर सिद्धारमैया और शिवकुमार ने साफ़ कहा था कि वे हाईकमान का आदेश मानेंगे।
खींचतान पर ‘पॉज़’
2 दिसंबर की बैठक को हाईकमान की उस रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसके तहत दोनों नेताओं के बीच की खींचतान पर ब्रेक लगाया जाए—खासकर 8 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र से पहले।
सूत्रों ने बताया—“जैसा कि CM ने शनिवार को कहा था, वह कल शिवकुमार के घर नाश्ते के लिए जाएंगे।”
पावर-शेयरिंग की कहानी
कर्नाटक में CM बदलने की अटकलें तब तेज़ हो गई थीं जब कांग्रेस सरकार 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल के आधे रास्ते पर पहुंची। कहा जा रहा था कि 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच किसी कथित “पावर-शेयरिंग समझौते” की वजह से यह चर्चा शुरू हुई।
हालांकि सिद्धारमैया ने मीडिया को जिम्मेदार बताते हुए कहा, “हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं, और आगे भी नहीं होंगे। हमारा एजेंडा 2028 का चुनाव है। स्थानीय निकाय चुनाव भी महत्वपूर्ण हैं...।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने तय किया है कि हाईकमान जो कहेगा, वही करेंगे। कल से कोई भ्रम नहीं रहेगा। अभी भी कोई भ्रम नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्टरों ने भ्रम पैदा किया है।”
शिवकुमार का बयान
इस बीच डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी में कोई गुटबाज़ी नहीं है, “हम अभी भी साथ काम कर रहे हैं। CM ने जो कहा, मैं उनके साथ हूँ। हम एक साथ काम कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “नेतृत्व के मुद्दे पर हम हाईकमान का पालन करेंगे। जो वे कहेंगे, वही हमारा फैसला होगा। हम पार्टी के वफादार सैनिक हैं। हमें पता है कि देश में पार्टी कठिन दौर से गुजर रही है। लेकिन हमें विश्वास है कि कर्नाटक बड़ी भूमिका निभाएगा—हम 2028 में सरकार दोहराएंगे और 2029 में भी आगे बढ़ेंगे, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में।”