UP बजट सत्र: CM योगी ने विपक्ष को बताया हार की हताशा से परेशान, अखिलेश बोले- महाकुंभ में घोर अव्यवस्था

यूपी बजट सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में गर्मागर्म बहस देखने को मिली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव ने एक-दूसरे के ऊपर जमकर हमला बोला.;

Update: 2025-02-18 18:43 GMT

UP budget session: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा में अभिभाषण दिया. इस दौरान विपक्षी विधायकों ने लगातार हंगामा किया. ऐसे में हंगामे और शोरगुल के बीच राज्यपाल अपना पूरा अभिभाषण नहीं पढ़ सकीं और सदन को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं, बजट सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष में गर्मागर्म बहस देखने को मिली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक-दूसरे के ऊपर जमकर हमला बोला. वहीं, सदन के बाहर भी दोनों ने एक-दूसरे को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

बजट सत्र से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष की भी जिम्मेदारी है कि सदन में चर्चा सही से हो. हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष अपनी हार की हताशा का खुन्नस सदन पर नहीं निकालेगा और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देगा. वहीं, अखिलेश ने एक बयान में कहा कि महाकुंभ में घोर अव्यवस्था को दिव्य-भव्य व्यवस्था का नाम देकर श्रद्धालुओं और उनके परिजनों का अपमान किया गया है.

वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभिभाषण और बजट में विपक्ष ही नहीं, बल्कि सदन का हर सदस्य अपनी बात प्रभावी ढंग से रख सकता है. विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, सरकार उसका जवाब देगी. लेकिन आरोप-प्रत्यारोप या असंसदीय आचरण से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. उम्मीद है कि विपक्ष सदन में ऐसा आचरण दिखाएंगे, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति लोगों की आस्था मजबूत हो. लेकिन हताश-निराश विपक्ष मुद्दों पर चर्चा और सदन की कार्यवाही से भागने का प्रयास करता है. विपक्ष अगर सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा तो यह बजट सत्र बहुत अच्छा हो सकता है.

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य विधानमंडल में राज्यपाल के अभिभाषण को सच्चाई से कोसों दूर बताया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण निराशाजनक है. इसमें जनसामान्य की आकांक्षाओं की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है. एक बयान में अखिलेश ने कहा कि महाकुंभ में घोर अव्यवस्था को दिव्य-भव्य व्यवस्था का नाम देकर श्रद्धालुओं और उनके परिजनों का अपमान किया गया है. जिनकी जानें सरकारी कुव्यवस्था ने ले ली है. सरकार की विफलता से जो घायल हुए, वे इलाज के लिए तड़प रहे हैं. सरकार ने महाकुंभ में आने वालों की करोड़ों की संख्या तो बता दी, पर अब तक मृतकों की संख्या व पता नहीं बता पाई है. आज भी महाकुंभ में तमाम लोग अपनों को खोज रहे हैं.

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