Belagavi CWC meet: 'संविधान को अब तक का सबसे बड़ा खतरा, संसद को किया बर्बाद'; बैठक में प्रस्ताव पारित
CWC meeting: बेलगावी में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक के दौरान 'नव सत्याग्रह बैठक' नाम से आयोजित की गई. इसका आयोजन महात्मा गांधी की अध्यक्षता में बेलगावी में आयोजित बेलगाम अधिवेशन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया.;
Belgaum Congress Working Committee meeting: कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक गुरुवार को कर्नाटक के बेलगावी में हुई. इसमें महात्मा गांधी द्वारा 1924 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 39वें सत्र के दौरान कांग्रेस (Congress) की ऐतिहासिक अध्यक्षता की 100वीं वर्षगांठ मनाई गई. CWC ने महात्मा गांधी की विरासत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की जताई और संविधान तथा स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों की रक्षा के लिए कई प्रस्ताव पारित किए गए. आइए जानते हैं कि बैठक के दौरान क्या-क्या प्रस्ताव पारित हुए.
बैठक में कहा गया कि आज कर्नाटक के बेलगावी में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक महात्मा गांधी द्वारा 1924 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 39वें सत्र में ऐतिहासिक अध्यक्षता किए जाने की 100वीं वर्षगांठ मनाने के लिए हुई. देश ने अभी-अभी हमारे संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाई है. इसलिए यह उचित है कि हम उन्हें यह श्रद्धांजलि अर्पित करें. 19 नवंबर, 1939 का महात्मा गांधी का वक्तव्य सात वर्ष बाद संविधान सभा की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण था.
"सबसे गंभीर खतरा"
बैठक में कहा गया कि दुर्भाग्य से, ठीक एक महीने बाद जब हम अपने गणतंत्र के 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे तो संविधान को अब तक का सबसे गंभीर खतरा है. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संविधान निर्माण में डॉ. अंबेडकर से अधिक किसी ने ध्यान नहीं दिया और परेशानी नहीं उठाई. संसद में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान करना संविधान को कमजोर करने की आरएसएस-भाजपा की दशकों पुरानी परियोजना का नवीनतम उदाहरण है. सीडब्ल्यूसी केंद्रीय गृह मंत्री के इस्तीफे के साथ-साथ उनसे देश से माफी मांगने की मांग दोहराती है.
CWC हमारे लोकतंत्र के निरंतर क्षरण से भी बहुत व्यथित है. न्यायपालिका, चुनाव आयोग और मीडिया जैसी संस्थाओं का कार्यकारी दबाव के माध्यम से राजनीतिकरण किया गया है. संसद को नष्ट कर दिया गया है. जैसा कि हाल ही में संपन्न 2024 के शीतकालीन सत्र में राजकोषीय बेंचों द्वारा इसकी कार्यवाही में अभूतपूर्व बाधा डालने से पता चलता है. हाल ही में सरकार के एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक से संविधान के संघीय ढांचे पर लगातार हमला हो रहा है.
मतदान की सत्यनिष्ठा
CWC भारत के चुनाव आयोग की सिफारिश पर चुनाव संचालन नियम 1961 में केंद्र द्वारा किए गए संशोधन की निंदा करती है, जो चुनाव दस्तावेजों के महत्वपूर्ण खंडों तक जनता की पहुंच को प्रतिबंधित करता है. यह पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को कमजोर करता है. जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की आधारशिला है. हमने इन संशोधनों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है. हरियाणा और महाराष्ट्र में जिस तरह से चुनाव कराए गए हैं, उससे चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पहले ही खत्म हो चुकी है.
CWC सांप्रदायिक और जातीय घृणा में राज्य प्रायोजित वृद्धि से बहुत चिंतित है, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ लक्षित. मणिपुर, जो मई 2023 से जल रहा है, प्रधानमंत्री और उनकी सरकार द्वारा उदासीनता से देखा जा रहा है. मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद से प्रधानमंत्री ने इस अशांत राज्य का दौरा नहीं किया है. आरएसएस-भाजपा के संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए संभल और अन्य स्थानों पर जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव भड़काया गया है. पूजा स्थल अधिनियम, 1991, जिसके लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, भी अनावश्यक और लापरवाह बहस का विषय बन गया है.
विरोध प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि CWC कांग्रेस पार्टी के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के साथ असम और उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों की सरकारों द्वारा किए गए व्यवहार की भी कड़े शब्दों में निंदा करती है. कई कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ताओं की जान चली गई. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और यह भाजपा की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
CWC मांग करती है कि जल्द से जल्द सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराई जाए. अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण की 50% सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि हमारे समाज के इन तीन पारंपरिक रूप से वंचित समूहों को मिलने वाले लाभों को और बढ़ाया जा सके. आरक्षण उचित माध्यमों से निर्धारित सामाजिक, आर्थिक या शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर होना चाहिए.
कीमत बढ़ना
अर्थव्यवस्था में तीव्र मंदी आई है. जबकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां केवल प्रधानमंत्री के कुछ पसंदीदा व्यावसायिक समूहों को समृद्ध करने के लिए बनाई गई हैं. अर्थव्यवस्था में अल्पाधिकार बढ़ रहे हैं. जबकि अधिक से अधिक भारतीयों की पूंजी बाजारों में हिस्सेदारी है, नियामकों की ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. निजी निवेश, जिसे तेज़ आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहिए, अभी भी बेहद सुस्त है और बड़े पैमाने पर खपत स्थिर है.
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) मांग करती है कि सरकार आगामी केंद्रीय बजट का उपयोग गरीबों को आय सहायता और मध्यम वर्ग को कर राहत प्रदान करने के लिए करे. जीएसटी एक बेतुकापन बन गया है और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) जीएसटी 2.0 की अपनी मांग को दोहराती है. जो वास्तव में एक अच्छा और सरल कर होगा - कागज़ पर और व्यवहार में दोनों. उद्योग, व्यापार और वाणिज्य पर कर आतंकवाद को समाप्त किया जाना चाहिए.
सीडब्ल्यूसी (CWC) कृषि और ग्रामीण रोजगार की घोर उपेक्षा के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करती है. किसान बढ़ती लागत और अपर्याप्त एमएसपी से जूझ रहे हैं. जबकि किसानों की आय दोगुनी करने जैसे वादे अभी भी अधूरे हैं. मनरेगा को जानबूझकर कम वित्तपोषित और कमजोर करने से लाखों कमजोर परिवारों को जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. सीडब्ल्यूसी तत्काल सुधारात्मक उपायों की मांग करती है, जिसमें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और खेती की व्यापक लागत का 50% तय करना और मनरेगा के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराना, साथ ही इसकी मजदूरी दर को बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन करना शामिल है.
एलएसी पर चर्चा
सीडब्ल्यूसी (CWC) पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव कम करने के बारे में विदेश मंत्री (ईएएम) की घोषणा पर गौर करती है. यह अप्रैल 2020 की यथास्थिति बहाल करने के भारत के घोषित लक्ष्य से बहुत कम है और दशकों में देश के लिए सबसे बड़ा क्षेत्रीय झटका है. सीडब्ल्यूसी (CWC) अपनी मांग दोहराती है कि सरकार विपक्ष को विश्वास में ले और एलएसी पर स्थिति के बारे में संसद में पूरी चर्चा की अनुमति दे. सीडब्ल्यूसी (CWC) बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों में हाल ही में हुई वृद्धि पर भी चिंता जताती है. हम केंद्र सरकार से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने का पुरजोर आग्रह करते हैं.
सीडब्ल्यूसी (CWC) पूरे देश पर भारत जोड़ो यात्रा (बीजेवाई) और भारत जोड़ो न्याय यात्रा (बीजेएनवाई) के विद्युतीकरण प्रभाव पर प्रकाश डालती है. बीजेवाई को लॉन्च करने का विचार मई 2022 में उदयपुर चिंतन शिविर से उत्पन्न हुआ. बीजेवाई की असाधारण सफलता ने बीजेएनवाई को जन्म दिया. इन परिवर्तनकारी आंदोलनों द्वारा उत्पन्न गति को बनाए रखने के लिए, संगठन के भीतर सभी स्तरों पर महत्वपूर्ण सुधार अनिवार्य हैं. यह स्वीकार करते हुए कि संगठनात्मक नवीनीकरण एक सतत प्रक्रिया है, इसे अब तेज और तीव्र किया जाना चाहिए. सीडब्ल्यूसी (CWC) संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू करने में कांग्रेस अध्यक्ष की पहल की सराहना करती है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर तुरंत लागू किया जाना है.
प्रतिबद्ध
सीडब्ल्यूसी (CWC) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारतीय संविधान और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. तदनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जय बापू, जय भीम, जय संविधान अभियान शुरू करेगी, जिसकी शुरुआत 27 दिसंबर को बेलगावी में एक रैली से होगी और 26 जनवरी, 2025 को महू में एक रैली के साथ समापन होगा, जो संविधान के लागू होने और हमारे गणतंत्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में होगा. इस महीने के दौरान हर ब्लॉक, जिले और राज्य में रैलियां और मार्च आयोजित किए जाएंगे.
महात्मा गांधी की विरासत के साथ-साथ संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता की तात्कालिकता को देखते हुए, यह आंदोलन 26 जनवरी, 2025 से आगे भी जारी रहेगा. 26 जनवरी 2025 और 26 जनवरी 2026 के बीच, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस संविधान बचाओ राष्ट्रीय पदयात्रा नामक एक विशाल, राष्ट्रव्यापी जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी, जिसमें सभी नेता भाग लेंगे. यह पदयात्रा एक रिले के रूप में गांव-गांव, कस्बे-कस्बे तक जाएगी. विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा. आखिर में अप्रैल 2025 के पूर्वार्द्ध में गुजरात में एआईसीसी (AICC) का अधिवेशन आयोजित किया जाएगा.