दिल्ली वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट : अभी जारी रहेगा GRAP-4, सोमवार को अगली सुनवाई
दिल्ली के स्कूलों में "हाइब्रिड सिस्टम" (ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का मिश्रण) अभी जारी रहेगा। यह फैसला बच्चों को प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए लिया गया है।
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-28 13:09 GMT
Air Pollution : दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-4 के लागू होने और पराली जलाने के मुद्दे पर अधिकारियों को फटकार लगाई। कोर्ट ने वायु प्रदूषण से निपटने के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 2 दिसम्बर यानी सोमवार को होगी, तब तक CAQM को वायु प्रदूषण से सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करनी है, जिसमें GRAP-4 को हटाने को लेकर क्या राय है ये भी बताया जाए।
स्कूलों में हाइब्रिड सिस्टम जारी रहेगा
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के स्कूलों में "हाइब्रिड सिस्टम" (ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का मिश्रण) अभी जारी रहेगा। यह फैसला बच्चों को प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के लिए लिया गया है।
GRAP-4 हटाने पर रिपोर्ट मांगी
कोर्ट ने आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को निर्देश दिया कि GRAP-4 को हटाने पर 2 दिसंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
पराली जलाने पर सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाने को कहा। कोर्ट ने पाया कि GRAP-4 के तहत प्रतिबंध प्रभावी रूप से लागू नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अधिकारी किसानों को शाम के समय पराली जलाने की सलाह देने से बचें।
पटाखों पर सालभर का प्रतिबंध
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि पटाखों पर सालभर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा। कोर्ट ने इसे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक अहम कदम बताया।
ट्रकों के प्रवेश पर नियम सख्त
GRAP-4 के तहत दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू रहेगा। केवल आवश्यक वस्तुओं, सेवाओं और LNG, CNG, BSVI डीजल, व इलेक्ट्रिक वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस नियम का सख्ती से पालन हो।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गुरुवार सुबह 313 दर्ज किया गया, जो "बहुत खराब" श्रेणी में आता है। राजधानी में लगातार धुंध की मोटी परत छाई हुई है।
अदालत के सुझाव
कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नरों की नियुक्ति को जारी रखने का फैसला लिया। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग को कोर्ट कमिश्नरों के काम को सुविधाजनक बनाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों के बाद उम्मीद है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।