दिल्ली में क्या एक और शीशमहल? CM के सरकारी बंगले पर छिड़ा विवाद
काम को 60 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और जुलाई के पहले हफ्ते में काम शुरू होगा.;
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जल्द ही राज निवास मार्ग स्थित बंगला नंबर 1 में शिफ्ट होने वाली हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस सरकारी आवास की मरम्मत और अपग्रेड के लिए करीब 60 लाख की लागत से काम शुरू होने वाला है, जिसका टेंडर 28 जून को PWD (Public Works Department) द्वारा जारी किया गया. इस बंगले के नवीनीकरण में इलेक्ट्रिकल सुधार और हाई-एंड फिटिंग्स पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. इस काम को 60 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और जुलाई के पहले हफ्ते में काम शुरू होगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बंगले के नवीनीकरण में खर्च की मुख्य बातों पर अगर ध्यान दे तो 5 टेलीविजन सेट्स लगाए जाएंगे जिसकी लागत करीब 9.3 लाख आएगी. 14 एयर कंडीशनर 7.7 लाख, 14 CCTV कैमरे 5.74 लाख, बिजली बैकअप सिस्टम 2 लाख, ओवन-टोस्टर-ग्रिल 85,000, वॉशिंग मशीन 77,000, डिशवॉशर 60,000, गैस स्टोव 63,000, माइक्रोवेव 32,000, 6 गीजर 91,000 और 115 डेकोरेटिव लाइट्स और 3 झूमर 6.03 लाख.
बंगला नंबर 1 बनाम बंगला नंबर 6
BJP सरकार ने साफ किया है कि बंगला नंबर 1, जहां रेखा गुप्ता रहने जा रही हैं वो बंगला नंबर 6 से पूरी तरह अलग है. बंगला नंबर 6 वही बंगला है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रहते थे और जिसकी भव्य सजावट और हाई-एंड इंटीरियर्स को लेकर भारी विवाद हुआ था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल के बंगले में महंगे पत्थर, फर्नीचर और फिटिंग्स लगाई गई थीं. इस पर जनता का गुस्सा फूटा और ये मुद्दा साल 2024 में उनके इस्तीफे का कारण भी बना.
रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
रेखा गुप्ता, जो अभी शालीमार बाग में रहती हैं. उन्होंने Flagstaff रोड के बंगले में रहने से इनकार कर दिया है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उस बंगले को अब म्यूजियम में बदला जाएगा. वहीं, बंगला नंबर 2 को उनका कैंप ऑफिस बनाया जाएगा, जिसके लिए अलग टेंडर में कुछ और सिविल वर्क्स भी होंगे.
BJP का पक्ष- यह दिखावा नहीं, जरूरी काम है
BJP सरकार का कहना है कि ये नवीनीकरण सिर्फ सुरक्षा और सुविधा से जुड़े आम काम हैं, जो हर सीएम के बंगले में समय-समय पर किए जाते हैं. उन्होंने इसे शो-ऑफ या विलासिता कहने वालों को गलत बताया है. राजनीतिक विरोधी और सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए हैं कि जब पहले ही सरकारी खर्च को लेकर इतनी नाराजगी रही है, तो क्या 60 लाख की ये मरम्मत वाकई जरूरी थी? वहीं कुछ लोग ये भी पूछ रहे हैं कि इतने सारे TVs और झूमर किस जरूरत के तहत लगाए जा रहे हैं? जहां एक तरफ सरकार इसे साधारण मेंटेनेंस कह रही है, वहीं दूसरी ओर आलोचक इसे पब्लिक मनी की बर्बादी मान रहे हैं. हालांकि ये साफ है कि रेखा गुप्ता खुद सादगी का संदेश देना चाहती हैं, लेकिन उनके नए आवास पर हो रहा खर्च लोगों को जरूर सोचने पर मजबूर कर रहा है.