दिल्ली में आवारा कुत्तों का मामला: बवाल के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को भेजा, सुनवाई कल

11 अगस्त को जारी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को कहा था कि पहले चरण में 5,000 कुत्तों को अगले 6 से 8 हफ्तों में पकड़कर हटाएं। लेकिन इस आदेश पर बवाल हो गया।;

Update: 2025-08-13 15:52 GMT
दिल्ली से आवारा कुत्तों को हटाने के मामले में SC का नया पीठ 14 अगस्त को सुनवाई करेगा

‘सभी आवारा कुत्तों को हटाने’ के आदेश के बाद उठे बड़े जनविरोध और आलोचना के चलते इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी पीठ को भेजने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाने के मामले में सुनवाई के लिए एक नई पीठ का गठन किया है। यह नई सुनवाई गुरुवार 14 अगस्त को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर हटाने का आदेश दिया था, कारण बताते हुए कि रेबीज़ और कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अब यह मामला जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया की पीठ सुनेगी। यह सुनवाई उस 2-न्यायाधीशों वाली पीठ से अलग होगी जिसने सोमवार को दिल्ली के आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया था।

11 अगस्त को जारी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को कहा था कि पहले चरण में 5,000 कुत्तों को अगले 6 से 8 हफ्तों में पकड़कर हटाएं। आदेश में यह भी कहा गया था कि किसी भी स्थिति में इन कुत्तों को सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए।

SC वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड विस्तृत आदेश में कहा गया, “आवारा कुत्तों को पकड़कर, नसबंदी, कृमिनाशन और टीकाकरण किया जाए, जैसा कि एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स, 2023 में निर्धारित है।”

‘सभी कुत्ते हटाओ’ आदेश पर बवाल

पहले आदेश के बाद कई राजनेताओं, मशहूर हस्तियों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताई। गांधी परिवार के चार सदस्य,  राहुल गांधी, उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा, उनके चचेरे भाई वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी  ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश पर चिंता व्यक्त की।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने X पर पोस्ट में इस पूरे हटाने के आदेश को निर्दयी कहा। उन्होंने लिखा,“सभी को एक साथ हटाना निर्दयी, दूरदृष्टिहीन और हमारी करुणा को छीन लेने वाला है… ये बेआवाज़ जीव ‘समस्या’ नहीं हैं जिन्हें मिटा दिया जाए। आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल से सड़कों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बिना क्रूरता के… हम जनसुरक्षा और पशु कल्याण को साथ-साथ सुनिश्चित कर सकते हैं।”

आदेश के तुरंत बाद कई कुत्ता प्रेमियों, पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य प्रदर्शनकारियों को इंडिया गेट के पास हिरासत में ले लिया गया।

पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) इंडिया ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को “अव्यावहारिक, अवैज्ञानिक और अवैध” बताया।

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