क्या दिल्ली में कचरे से मुक्ति और शुद्ध हवा का वादा पूरा होगा?
दिल्ली सरकार ने पहले 100 दिन में यमुना सफाई, वायु प्रदूषण नियंत्रण और कचरा प्रबंधन की दिशा में कई ठोस कदम उठाए, योजनाओं पर काम शुरू किया है।;
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनाव प्रचार में पर्यावरण संरक्षण को प्रमुख मुद्दा बनाया था। वादे किए गए थे। तीन साल में यमुना की सफाई, 2027 तक कचरे के पहाड़ों से निजात और स्वच्छ हवा। अब, सरकार के पहले 100 दिन पूरे होने के बाद, कई योजनाओं को अमल में लाने की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन सवाल अब भी वही है कि क्या यह अभियान सिर्फ दिखावा बनकर तो नहीं रह जाएगा।
100 दिनों में उठाए गए कदम
भाजपा सरकार ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण और गंदगी के खिलाफ कई अहम पहल की है। दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) ट्रायल को कैबिनेट की मंजूरी दी गई है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) के विकेंद्रीकरण और उन्नयन की समयसीमा को सख्त किया गया। बड़े निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन और डस्ट मॉनिटर अनिवार्य है। लैंडफिल साइट्स पर 24×7 कचरा निस्तारण की व्यवस्था की है।
क्या-क्या था वादा?
भाजपा ने यमुना नदी की “पूर्व गरिमा” लौटाने का वादा किया था। इसके लिए एक विशेष कोष ‘यमुना कोष’ स्थापित करने और गुजरात के साबरमती की तर्ज पर रिवरफ्रंट विकसित करने की बात कही गई थी।इसके साथ ही, बारापुल्ला, शाहदरा और गाज़ीपुर जैसे प्रमुख नालों का पूर्ण उपचार कर ही उन्हें यमुना में मिलाने की योजना बनाई गई थी।
बजट और सीवरेज परियोजनाएं
2025-26 के बजट में 9,000 करोड़ पानी और सीवरेज परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं। इनमें 250 करोड़ यमुना पार क्षेत्रों में जंग लगे पाइप बदलने के लिए। 13,000 झुग्गी-झोपड़ी समूहों और 2.5 लाख घरों में सीवर कनेक्शन की योजना
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की निगरानी में STP सुधार योजनाओं की स्थिति
रिठाला (40 MGD) – 100% पूर्ण
सोनिया विहार (7 MGD) – 99%
दिल्ली गेट फेज III (10 MGD) – 98%
नजफगढ़–केशोपुर फेज II/III – 90%
रोहिणी–नरेला–कोरोनेशन पिलर कॉरिडोर – 95%
नई योजनाएं और वितरण
DJB ने अगली योजना के तहत 3,104 करोड़ की लागत से 40 विकेन्द्रीकृत STPs और 330 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाने का प्रस्ताव दिया है, जो नजफगढ़, छतरपुर, मटियाला, बिजवासन, मुंडका, नरेला और बवाना क्षेत्रों की 416 अनधिकृत कॉलोनियों और 115 गांवों को कवर करेगा।इस परियोजना का पहला साल ₹613 करोड़ में केंद्र की AMRUT 2.0 योजना के तहत शुरू हुआ है।
वायु गुणवत्ता सुधार योजना
22 मई को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 14-बिंदु धूल नियंत्रण योजना लागू की, जिसमें जल छिड़काव, PM मॉनिटरिंग और निर्माण मलबे का उचित निष्पादन शामिल है। 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों को पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।वन क्षेत्रों में चलने वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का आदेश भी दिया गया है। वहीं PWD की सड़कों की सफाई के लिए 70 मैकेनिकल स्वीपर मंगवाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
वाहन और कानून संबंधी कार्रवाई
पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक के लिए AI कैमरे 90% पेट्रोल पंपों पर लगाए गए हैं।1 नवंबर 2025 से, BS-VI, CNG, LNG या इलेक्ट्रिक वाहन मानकों को न मानने वाले किसी भी वाणिज्यिक या मालवाहक वाहन को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके लिए आस-पास के राज्यों में भी वाहन मालिकों को पहले से नोटिस जारी किए जा चुके हैं।भाजपा ने जो ग्रीन टर्नअराउंड का वादा किया था, उसके शुरुआती संकेत जमीन पर दिखने लगे हैं। हालांकि, चुनौतियां अब भी बरकरार हैं, लेकिन पहले 100 दिनों के प्रदर्शन से सरकार ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। जनता की नजर अब आगे की रफ्तार और परिणामों पर टिकी है।