सीबीआई मामले में केजरीवाल की नियमित जमानत पर हाई कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

सीबीआई की तरफ से राखी गयी दलील में ये दावा किया है कि केजरीवाल इस पूरे मामले के साजिश के मुख्य सूत्रधार है. हर मंत्री को उन्होंने ही नियुक्त किया है. उन्होंने सचिवालय में अपने लोग रखें और विजय नायर भी उसी का हिस्सा था.

Update: 2024-07-29 11:32 GMT

Delhi Liquor Policy Scam: दिल्ली सरकार के कथित शराब घोटाले में सीबीआई द्वारा दर्ज केस में मुख्यमंत्री केजरीवाल की नियमित जमानत पर सोमवार ( 29 जुलाई ) को दिल्ली हाई कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फिलहाल आदेश को सुरक्षित रख लिया है. इस बीच सीबीआई की तरफ से राखी गयी दलील में ये दावा किया है कि केजरीवाल इस पूरे मामले के साजिश के मुख्य सूत्रधार है. हर मंत्री को उन्होंने ही नियुक्त किया है. उन्होंने सचिवालय में अपने लोग रखें और विजय नायर भी उसी का हिस्सा था.


क्या हुआ सुनवाई में
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के शुरू होने पर सीबीआई के वकील ने कहा कि केजरीवाल को ज़मानत के लिए निचली अदालत का रुख करना चाहिए. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की दलील का विरोध किया.
सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि हमने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. सिर्फ़ चार्जशीट दाखिल हो जाने से केजरीवाल ज़मानत के अधिकारी नहीं हो जाते. सीबीआई के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को मिली राहत अंतरिम है और मामले पर आगे संविधान पीठ सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट पर विचार नहीं किया है.

जांच आगे बढ़ते ही केजरीवाल की भूमिका सामने आने लगी
सीबीआई के वकील ने कहा कि जैसे-जैसे हम इस केस में जांच में आगे बढ़े, केजरीवाल की भूमिका सामने आने लगी. उनके खिलाफ और भी सबूत सामने आ रहे हैं. अगर हमने ये सब पहले कोर्ट में रखा होता तो गवाहों को प्रभावित किए जाने और सबूतों के गायब होने की आशंका थी.
सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल समेत आज जिन 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. उनमें से पांच को गिरफ्तार नहीं किया गया है. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद हमे और सबूत मिले है. केजरीवाल की गिरफ्तारी के बिना शराब नीति घोटाले की जांच पूरी नहीं हो पाती. वो इस घोटाले की साजिश के मुख्य सूत्रधार हैं. हर मंत्री को उन्होंने ही नियुक्त किया है. उन्होंने सचिवालय में अपने लोग रखें और विजय नायर भी उसी का हिस्सा था.

एक ही दिन में किये सबने हस्ताक्षर
सीबीआई के वकील ने बताया कि केजरीवाल कैबिनेट की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए. मंत्रिमंडल के उनके सहयोगियों ने भी एक ही दिन में फ़ाइल में हस्ताक्षर कर दिए. ये सब कोविड के दौरान हुआ. सीबीआई के वकील ने कहा कि इस मामले में 44 करोड़ रुपये की रकम का पता लगाया है. ये पैसा गोवा गया था. केजरीवाल ने खुद अपने उम्मीदवारों से कहा था कि पैसे की चिंता मत करो, चुनाव लड़ो.

पंजाब सरकार के अधिकारीयों से पूछताछ की नहीं दी अनुमति
सीबीआई ने कहा कि हमने पंजाब सरकार के दो अधिकारियों के खिलाफ़ जांच के लिए ज़रूरी मंजूरी मांगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. ये केजरीवाल के रसूख की वजह से था. सीबीआई के वकील ने कहा कि शराब नीति गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद केजरीवाल ने मंत्रिपरिषद से पुरानी तारीख़ में मंजूरी ली.

केजरीवाल की तरफ से क्या दी गयी दलील
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा सीबीआई कहती है कि केजरीवाल ने शराब नीति पर हस्ताक्षर किए. लेकिन 15 बाकी लोगों ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं. एलजी ने भी इस पर हस्ताक्षर किए हैं. सीबीआई की इस दलील के अनुसार LG को आरोपी बनाना चाहिए. मुख्य सचिव सहित 50 नौकरशाहों को भी सह-आरोपी बनाया जाना चाहिए.

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI की ओर से दर्ज केस में अरविंद केजरीवाल की नियमित ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है.


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