महायुती सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे आखिर क्यों हैं पक्ष और विपक्ष के निशाने पर ?
बीड के सरपंच की सनसनीखेज हत्या मामले में मुंडे के करीबी सहयोगी का नाम सामने आने के बाद राकांपा के सहयोगी और कांग्रेस मुंडे को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रहे हैं।;
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-12-29 13:51 GMT
Beed Sarpanch Santosh Deshmukh Murder Case : महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है। NCP (अजित पवार गुट) के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड का नाम इस मामले में सामने आने से सत्तारूढ़ महायुति सरकार को न केवल विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है मामला :
संतोष देशमुख को 9 दिसंबर को दिनदहाड़े अगवा कर लिया गया था। उन्हें एक एसयूवी में जबरन बैठाया गया, जिसके बाद उनके साथ लगभग तीन घंटे तक मारपीट की गई। अंततः उनकी हत्या कर दी गई और उनका शव सड़क पर फेंक दिया गया। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि राजनीतिक संरक्षण और शक्ति के दुरुपयोग का भी आरोप लग रहा है।
धनंजय मुंडे की प्रतिक्रिया:
मंत्री धनंजय मुंडे ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा, "जो भी इस घटना में शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह मेरा करीबी ही क्यों न हो।" उन्होंने इस मामले को अपने खिलाफ एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया।
विपक्ष का हमला:
विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर महायुति सरकार पर तीखे हमले किए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गई है। वे मंत्री मुंडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की अपील कर रहे हैं।
बीड में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू
देशमुख की नृशंस हत्या के विरोध में शनिवार को हजारों लोग बीड में एकत्र हुए, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने मुंडे को बर्खास्त करने की मांग की। मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे, पूर्व सांसद संभाजी राजे छत्रपति, स्थानीय भाजपा विधायक सुरेश दास, अभिमन्यु पवार; राकांपा (अजित पवार) विधायक प्रकाश सोलंके और राकांपा (सपा) विधायक जितेंद्र अवहाद और संदीप क्षीरसागर ने विरोध मार्च में भाग लिया जो एक रैली में समाप्त हुआ।
प्रदर्शनकारियों ने मुंडे के करीबी सहयोगी कराड की गिरफ्तारी की मांग की। जबकि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, विपक्षी नेताओं ने शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में दावा किया कि कराड हत्या का मास्टरमाइंड था। कराड को जबरन वसूली के एक संबंधित मामले में आरोपी बनाया गया था, लेकिन हत्या के लिए नहीं, वह अभी भी फरार है।
मुंडे की जीत फर्जी मतदान के कारण हुई: भाजपा विधायक
भाजपा विधायक सुरेश धास ने कहा, "तीन बार सरपंच रहे देशमुख की हत्या बेहद अमानवीय तरीके से की गई।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुंडे फर्जी मतदान के जरिए चुने गए। उन्होंने कहा, "धनु भाऊ, आप फर्जी मतदान के जरिए चुने गए। आपके लोगों ने बूथों पर कब्जा किया। जिन लोगों ने बंदूक के लाइसेंस जारी किए, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।"
पड़ोसी लातूर जिले के औसा से विधायक बनने से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सहयोगी रहे अभिमन्यु पवार ने कहा कि देशमुख की हत्या का दर्द महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया गया। उन्होंने कहा, "भले ही मैं (सत्तारूढ़) सरकार का हिस्सा हूं, मैं सरकार को बताना चाहता हूं कि अगर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो विरोध प्रदर्शन राज्य के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाएगा। हम संतोष देशमुख के परिवार के लिए न्याय चाहते हैं।"
परिजनों ने की मिलकर लड़ने की मांग
देशमुख की बेटी वैभवी ने कहा, "मेरे पिता को न्याय मिलना चाहिए। वे सामाजिक कार्य कर रहे थे। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। वे हमेशा सामाजिक कार्य करते थे। जब दलित समुदाय के एक व्यक्ति की हत्या हुई तो वे उसकी मदद के लिए आगे आए। अपनी आखिरी सांस तक वे लोगों के लिए काम करते रहे। मुझे उम्मीद है कि किसी और के साथ ऐसा न हो। हम सभी को ऐसी प्रवृत्तियों के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए।"
राजनीतिक और कानूनी प्रभाव:
इस घटना ने सत्तारूढ़ गठबंधन को मुश्किल में डाल दिया है। इससे जुड़े आरोपों और संदिग्धों के राजनीतिक संबंध इसे और भी जटिल बना रहे हैं। आगामी दिनों में यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति और प्रशासन दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस को त्वरित और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में न्याय कितना शीघ्र और प्रभावी रूप से हो पाता है।