एक्सक्लूसिव: ईडी ने तमिलनाडु डिस्टिलरीज और तस्मैक के बीच काले धन के संबंध का पता लगाया
सेंथिल बालाजी के करीबी लोगों से जुड़े परिसरों की ईडी ने की तलाशी कथित तौर पर खुलासा हुआ कि तस्मैक के अधिकारियों को अवैध धन का हिस्सा मिलता है जो निजी डिस्टिलरी द्वारा रिश्वत के माध्यम से उत्पन्न किया जाता है;
ED Found Fresh Evidences Against V Senthil Balaji : तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंटिल बालाजी के लिए ताजा मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) को कथित तौर पर सबूत मिले हैं कि राज्य में निजी डिस्टिलरी (शराब निर्माताओं) का उपयोग बड़े पैमाने पर काले धन के सृजन के लिए किया जाता है। इसके बाद यह धन तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों के जरिए घुमाया जाता है।
बीते तीन दिनों में ED ने शराबबंदी और उत्पाद शुल्क मंत्री सेंटिल बालाजी और अन्य से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें ये खुलासे हुए। ED सूत्रों ने द फेडरल को बताया कि TASMAC अधिकारियों को निजी डिस्टिलरी से उत्पन्न "अवैध धन" का हिस्सा कमीशन के रूप में मिलता है।
TASMAC पर बढ़ती जांच
TASMAC तमिलनाडु में भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की थोक और खुदरा बिक्री करने वाली एकमात्र सरकारी एजेंसी है।
ED की बड़े पैमाने पर छापेमारी
पिछले कुछ दिनों में ED की बड़ी टीमें, जिनमें लगभग 35 वरिष्ठ अधिकारी और सहायक कर्मी शामिल थे, तमिलनाडु की विभिन्न निजी डिस्टिलरियों की तलाशी ले रही हैं।
ये छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) जांच के व्यापक अभियान का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य शराब व्यापार में कथित वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को उजागर करना है, खासकर TASMAC से जुड़े मामलों में।
कम से कम दो दर्जन स्थानों पर छापे मारे गए हैं, जिनमें कई ठिकाने सेंटिल बालाजी से जुड़े हुए हैं। वह राज्य के बिजली मंत्री भी हैं। रिपोर्ट प्रकाशित होने तक, छापेमारी जारी थी।
कैश फॉर जॉब घोटाले में भी जांच जारी
ED, सेंटिल बालाजी की संलिप्तता को लेकर परिवहन विभाग में हुए कथित "कैश फॉर जॉब" घोटाले की भी जांच कर रही है। उन्हें 2023 में ED ने गिरफ्तार किया था, लेकिन फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।
₹40 लाख जब्त
अब तक, ED ने ₹40 लाख की बेहिसाब नकदी (काला धन) जब्त करने का दावा किया है। 6 मार्च को शुरू हुई छापेमारी पहले चेन्नई में स्थित TASMAC मुख्यालय को टारगेट कर रही थी, लेकिन बाद में यह पूरे तमिलनाडु की निजी डिस्टिलरियों तक फैल गई।
सूत्रों के अनुसार, ED को सबूत मिले हैं कि शराब निर्माताओं द्वारा विभिन्न तरीकों से काला धन तैयार किया जा रहा है और इसे TASMAC के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य कर्मचारियों के जरिए आगे भेजा जा रहा है। हालांकि, एजेंसी अभी तक पूरी कार्यप्रणाली स्पष्ट नहीं कर पाई है और विभिन्न संभावनाओं की जांच कर रही है।
कैसे हो सकता है काले धन का खेल?
ऐसा संदेह है कि TASMAC की खुदरा दुकानों को बिना किसी आधिकारिक दस्तावेज के डिस्टिलरियों से अवैध रूप से शराब की आपूर्ति की जाती है। यह शराब नकद में बेची जाती है, और प्राप्त धन को डिस्टिलरी कंपनियों और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है।
प्रमुख डिस्टिलरियों पर छापे
ED की यह जांच 2016 से 2021 के बीच सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) द्वारा दर्ज की गई FIR पर आधारित है, जिसमें TASMAC दुकानों से बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जब्त की गई थी।
अब तक, ED ने चेन्नई के एग्मोर में स्थित CMDA टावर्स में TASMAC मुख्यालय सहित तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में 25 से अधिक स्थानों पर छापे मारे हैं।
जिन प्रमुख डिस्टिलरियों पर छापे मारे गए, उनमें शामिल हैं:
SNJ डिस्टिलरी
Accord डिस्टिलरी (DMK सांसद एस. जगतरक्षकन से जुड़ी हुई)
Kals डिस्टिलरी
क्या-क्या ED की जांच के दायरे में?
ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द फेडरल को बताया कि TASMAC और डिस्टिलरियों से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा, "हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिसमें अवैध बिक्री के आरोप भी शामिल हैं।"
सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि एजेंसी इस संभावना की जांच कर रही है कि जब्त की गई बेहिसाब नकदी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में किया गया हो।
इसके अलावा, ED शराब खरीद में अनियमितताओं की भी जांच कर रही है, जिसमें बिना पर्याप्त बिक्री डेटा के कुछ खास ब्रांडों की खरीद शामिल है। इससे कुछ विशेष डिस्टिलरियों को फायदा हो सकता है।
सेंटिल बालाजी की प्रतिक्रिया
ED की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए सेंटिल बालाजी ने मीडिया से कहा: "मैं छापेमारी खत्म होने के बाद इस पर प्रतिक्रिया दूंगा।" उन्होंने यह बयान कोयंबटूर में दिया।
TASMAC पर लंबे समय से भ्रष्टाचार के आरोप
TASMAC, जो 5,000 से अधिक खुदरा शराब दुकानें चलाता है और तमिलनाडु सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है (हाल के वर्षों में ₹30,000 करोड़ से अधिक), लंबे समय से भ्रष्टाचार, कीमतों में हेराफेरी और काले बाजार में बिक्री के आरोपों से घिरा हुआ है।
2019 में SNJ डिस्टिलरियों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी में ₹4 करोड़ की बेहिसाब नकदी मिली थी। इसके अलावा, DVAC की जांच में TASMAC दुकानों पर शराब की अधिक कीमत वसूलने का खुलासा हुआ था। इससे संकेत मिलता है कि TASMAC अधिकारियों और डिस्टिलरियों के बीच वित्तीय अनियमितताओं की व्यापक साजिश हो सकती है।