राजस्थान में बारिश का कहर: सवाई माधोपुर में बांध के उफान से बना गड्ढा; गाँव डूबे, सड़कें बही, लोग छतों पर फंसे
राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मौके का दौरा किया और तबाही की भयावहता स्वीकार की। उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर में इतने व्यापक स्तर पर बारिश पहले कभी नहीं हुई।;
राजस्थान के सवाई माधोपुर ज़िले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से सूरवाल डैम उफान पर आ गया, जिसकी वजह से ज़मीन धंस गई और एक विशाल गड्ढा बन गया। रविवार को हुई इस घटना ने कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए। गांव के पास की बड़ी ज़मीन धंसने से गहरा गड्ढा हो गया और संपर्क मार्ग कट गए।
पूरा इलाका—सूरवाल, धनोली, गोगोर, जडावता, शेषा और मच्छीपुरा, पानी में डूब चुका है, सैकड़ों मकानों में पानी भर गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि सामूहिक रूप से लोगों को निकालना पड़ा। कई लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं। भोजन और पीने के पानी की भारी किल्लत है, वहीं सड़कें और ढांचा बह जाने से राहत कार्य भी बाधित हो रहे हैं। लसोट-कोटा मेगा हाईवे पूरी तरह पानी में डूब गया है। वहाँ सिर्फ ट्रैक्टर और ट्रॉली ही आ-जा पा रहे हैं, जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों का संपर्क लगभग टूट चुका है।
टोंक ज़िले के कई क्षेत्र—काली पलटन, छत्रा खटीक, काफिला बाज़ार, पंच बत्ती, धन्नाटलाई और कचहरी रोड—भी भीषण जलभराव और ढाँचागत क्षति से प्रभावित हुए हैं।
राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मौके का दौरा किया और तबाही की भयावहता स्वीकार की। उन्होंने कहा,“सवाई माधोपुर में इतना व्यापक स्तर पर बारिश पहले कभी नहीं हुई। सूरवाल डैम के उफान से दर्जनों गाँव डूब गए। दो मंदिर, घर और दुकानें बह गए। जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें मानकों के अनुसार मुआवज़ा दिया जाएगा।”
सांसद हरीश चंद्र मीणा ने भी प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जल निकासी और राहत कार्यों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
इस बीच, दौसा ज़िले में 24 घंटे की लगातार बारिश ने कहर ढा दिया है। निचले इलाकों की सड़कें नदियों में बदल गई हैं, पूरे मोहल्ले डूब गए हैं और सरकारी दफ़्तरों तक में पानी घुस गया है। जयपुर रोड की सर्विस लेन पूरी तरह जलमग्न है, जिससे आधा दर्जन से अधिक कॉलोनियों का संपर्क टूट गया है।
भारत मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
इसी बारिश से जुड़ी एक अलग घटना में, आमेर क़िले जाने वाले मार्ग पर स्थित ज्वाला माता मंदिर के पास रामबाग की दीवार का हिस्सा ढह गया। एहतियातन प्रशासन ने ऐतिहासिक स्थल पर हाथी सवारी रोक दी है।