Ground Report: जनता की राय– हर बार होती है वोटों में कटौती, पर इस बार कुछ ज्यादा
भागलपुर में वोट अधिकार यात्रा के दौरान साफ हुआ कि वोटर लिस्ट से नाम कटने की समस्या गंभीर है. लोग अपने मताधिकार को लेकर सजग हो रहे हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से सही समय पर मदद नहीं मिलने से नाराज भी हैं।;
इंडिया गठबंधन की 'वोट अधिकार यात्रा' बिहार के भागलपुर जिले से गुजर चुकी है. इस यात्रा का मकसद जनता को जागरूक करना है कि उनका नाम वोटर लिस्ट में बना रहे और कोई उनका "वोट चुरा" न सके. यात्रा के दौरान झंडे-बैनर और जनसभाओं के बीच लोगों से जब 'द फेडरल देश' की टीम ने बातचीत की तो कई अहम बातें सामने आईं.
वोटर लिस्ट से हटा नाम
'द फेडरल देश' की टीम भागलपुर के पास मिर्जापुर इलाके में कुछ लोगों से बात की. उनमें से दीपक कुमार नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि पहले मेरा नाम वोटर लिस्ट में था, लेकिन अब कट गया है. बीएलओ ने कहा कि फॉर्म-6 भरिए, तो नाम फिर से जुड़ जाएगा. हमने जरूरी डॉक्यूमेंट भी दे दिए हैं. मेरे परिवार में भी दो लोगों का नाम हट गया है.
नाम जोड़ने में दिक्कत
'द फेडरल देश' की टीम को स्थानीय लोगों ने बताया कि जून-जुलाई में जब वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम चल रहा था, उस दौरान बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) उनके घर नहीं आए. कुछ लोगों ने फॉर्म और दस्तावेज भी जमा किए, लेकिन जरूरी प्रमाणपत्र जैसे जन्म प्रमाण पत्र नहीं दे पाने के कारण नाम नहीं जुड़ सका.
विपक्ष का आरोप
वहीं, विपक्षी दलों का दावा है कि इस बार 65 लाख लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया, जिनमें बड़ी संख्या में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग हैं. उनका आरोप है कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिससे इन वर्गों के वोट को रोका जाए.
दीपक कुमार ने 'द फेडरल देश' से कहा कि नाम कटना नया नहीं है. हर बार कुछ लोगों के नाम दो जगह होते हैं या मृत्यु के बाद नाम हट जाता है. लेकिन इस बार ज़्यादा लोगों के नाम हटे हैं तो जनता में चिंता है.
क्या वोट अधिकार यात्रा असर डालेगी?
यात्रा को लेकर जनता मिली-जुली प्रतिक्रिया दे रही है। जब 'द फेडरल देश' की टीम ने पूछा तो कुछ लोगों का मानना है कि यह चुनाव तक असर डालेगी, जबकि कुछ का कहना है कि लोग धीरे-धीरे भूल जाएंगे. हालांकि, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा को जनता में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश माना जा रहा है.
2025 विधानसभा चुनाव में मुकाबला टफ
राजनीतिक माहौल को लेकर दीपक कुमार ने कहा कि इस बार मुकाबला टफ है. नीतीश कुमार को पहली बार तेजस्वी यादव की तरफ से बड़ी चुनौती मिल रही है. माहौल बदला है और जनता भी जागरूक हो रही है. कुछ लोगों ने कहा कि बिहार में ईवीएम के जरिए वोट चोरी की आशंका रहती है. पहले गिनती में गड़बड़ी होती थी, अब ईवीएम में खेल होता है. इससे लोगों का भरोसा डगमगाता है.
गठबंधन टिका रहेगा या टूटेगा?
लोगों का मानना है कि इस बार गठबंधन बना रहेगा. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एकजुट हैं. अगर ऐसे ही माहौल बना रहा तो सत्ता परिवर्तन हो सकता है.