करीब 13 महीने बाद शंभू-खनौरी बॉर्डर कराया गया खाली, कई किसान नेता हिरासत में
पंजाब-हरियाणा स्थित शंभू बॉर्डर पर धरना कर रहे किसानों को हटा दिया गया है। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए तंबुओं को भी उखाड़ दिया। डल्लेवाल समेत करीब 500 किसान नेता हिरासत में हैं।;
पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटा दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, खनौरी से 250 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, जबकि मोहाली से कुछ लोगों को और शंभू से 110 किसानों को पकड़ा गया। हिरासत में लिए गए किसानों को एक मैरिज हॉल में रखा गया है।
इससे पहले, चंडीगढ़ में किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक हुई थी। बैठक के बाद सरकार ने निर्णय लिया कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के मुद्दे पर अलग-अलग पक्षों से बातचीत करने के लिए एक संयुक्त सचिव को नियुक्त किया जाएगा। यह जिम्मेदारी पूर्णा चंद किशन को सौंपी गई, जो कृषि विशेषज्ञों और किसान कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। अगली बैठक 4 मई को प्रस्तावित है। बैठक के दौरान, किसानों ने सरकार को एमएसपी लागू करने से होने वाले वित्तीय प्रभाव से जुड़े आंकड़े भी दिखाए थे।
बैठक के बाद किसान चंडीगढ़ से शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे थे, जबकि डल्लेवाल और उनके समर्थक खनौरी जाने वाले थे। जैसे ही वे पंजाब में दाखिल हुए, पुलिस ने उन्हें जगतपुरा इलाके में रोक लिया। डल्लेवाल को उनकी एंबुलेंस में ही हिरासत में ले लिया गया, जबकि अन्य प्रदर्शनकारियों को उनकी गाड़ियों के साथ पकड़ा गया। कुछ किसानों ने इसका विरोध भी किया। पंढेर को उनकी गाड़ी से जबरन उतारकर हिरासत में लिया गया, क्योंकि उन्होंने भागने की कोशिश की थी।
किसानों को पहले से अंदेशा था कि पुलिस कोई कार्रवाई कर सकती है, क्योंकि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात था। हालांकि, उन्हें लगा कि पुलिस की कार्रवाई केवल बॉर्डर पर ही होगी। लेकिन बुधवार शाम को पंजाब पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर कई सौ किसानों को चारों तरफ से घेर लिया। इस दौरान कुछ किसानों की पगड़ियां भी गिर गईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बसों में भरकर ले जाने के बाद बॉर्डर खाली कराया।
बीकेयू (एकता सिद्धूपुर) के नेता कुलवंत सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को अपना सामान और ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जाने तक का समय नहीं दिया, जिससे खासकर बुजुर्ग किसानों को भारी परेशानी हुई। बीकेयू (एकता सिद्धूपुर) के ही किसान दीपू ने बताया कि पुलिस ने महज कुछ ही मिनटों में 150 से अधिक किसानों को हिरासत में ले लिया। दीपू, डल्लेवाल के करीबी माने जाते हैं। कुल मिलाकर, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। किसान गुस्से में हैं और पुलिस अपनी कार्रवाई में जुटी हुई है। अब सबकी निगाहें 4 मई को होने वाली बैठक पर टिकी हैं। देखना होगा कि सरकार किसानों की मांगें मानती है या फिर आंदोलन और लंबा खिंचता है। इसका जवाब आने वाला वक्त ही देगा।
उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोग खुद घर जाने के लिए तैयार हो गए, इसलिए उन्हें बस के जरिए भेज दिया गया। इसके अलावा, यहां के ढांचे और वाहनों को हटाया जा रहा है। पूरी सड़क को साफ कर यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। हरियाणा पुलिस भी अपनी कार्रवाई शुरू करेगी। जब उनकी ओर से रास्ता खुलेगा, तो हाईवे पर आवाजाही फिर से शुरू हो जाएगी। हमें कोई बल प्रयोग नहीं करना पड़ा क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ। किसानों ने सहयोग किया और खुद बसों में बैठ गए।"