Punjab: बाढ़ राहत या चुनावी रणभेरी? नेताओं के दौरों के पीछे क्या है असली मकसद?
Punjab Assembly Elections 2027: बाढ़ ने पंजाब को गहरा नुकसान पहुंचाया है. लेकिन अब सभी राजनीतिक दल राहत कार्यों के जरिए जनता से जुड़ाव बढ़ाने की कोशिश में हैं.;
Punjab Flood 2025: पंजाब में आई भारी बाढ़ के बाद अब राजनीतिक दौरे तेज हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की. इन सभी नेताओं का मकसद राहत कार्यों का जायजा लेना नहीं, बल्कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी माना जा रहा है.
बीजेपी का एक्शन प्लान
बाढ़ के बाद सबसे पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दौरा किया. फिर प्रधानमंत्री मोदी खुद गुरदासपुर पहुंचे और किसानों से मिले. अब बीजेपी ने अपने 25 केंद्रीय राज्य मंत्रियों को पंजाब भेजा है, जो 20 सितंबर तक अलग-अलग बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे.
किसान आंदोलन के बाद बीजेपी को पंजाब में झटका लगा था. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी. अब पार्टी किसानों से दोबारा जुड़ने और जनता से संवाद बढ़ाने में जुट गई है.
हरियाणा सरकार की मदद
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी पंजाब की मदद के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने 5 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है. इसके साथ ही राहत सामग्री भी पंजाब भेजी गई है.
आप पार्टी की तैयारी
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी बाढ़ राहत में पूरा जोर लगा रखा है. पहले पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दौरा किया. अब पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया एक्टिव हैं. पंजाब सरकार के सभी 15 मंत्री मैदान में राहत कार्यों में लगे हुए हैं.
आप की घोषणाएं
"जिसकी खेत, उसकी रेत" नीति लागू की गई है. बाढ़ से प्रभावित किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवजा देने का एलान किया गया है. आप पार्टी 2022 जैसा चुनावी प्रदर्शन दोहराना चाहती है, इसलिए संगठन को भी मज़बूत किया जा रहा है.
कांग्रेस और अकाली दल
कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी बाढ़ राहत के लिए काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल ने पंजाब का दौरा किया और पार्टी नेताओं से हर संभव मदद करने को कहा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग और विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप बाजवा ने भी पीड़ितों से मुलाकात की और मदद दी. अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत पहुंचाई. इन दोनों दलों के लिए भी 2027 विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं।
वहीं, प्रोफेसर जगरूप सिंह शेखों कहते हैं कि किसी भी आपदा में राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी तो बनती है. पंजाब में बाढ़ से जितना भी नुकसान हुआ है, इसका जिम्मेदार कौन है? किसी ने भी इसको लेकर सवाल नहीं उठाया कि आखिर ऐसा क्यों हुआ या फिर इसके पीछे की वजह क्या थी? जब आपदा से पंजाब ग्रसित था, तब सबसे पहले एनजीओ वाले आए, किसान यूनियन के लोग आए, कलाकारों ने मदद की. लेकिन राजनीतिक दलों मदद के लिए आने में देर की.
उन्होंने बताया कि साल 2027 के विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तो नेताओं का आना मजबूरी है. हालांकि, बीजेपी और अकाली दल के लिए राह मुश्किल है. लेकिन राहुल गांधी पंजाब में एक आइकॉन की तरह उभरे हैं. ऐसे में राहुल की लोकप्रियता का फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा. पंजाब की मौजूदा हालात को देखते हुए लोगों ने भी कांग्रेस के पक्ष में जाने का मन बना लिया है.