मंडी की आपदा पर अपने बयान से घिर गईं कंगना रनौत, बोलीं- 'मेरे पास कोई कैबिनेट नहीं'
कांग्रेस ने बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान का एक छोटा क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया और इसे असंवेदनशील बताया।;
रविवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान सांसद-अभिनेत्री कंगना रनौत ने आपदा राहत को लेकर एक टिप्पणी करते हुए मज़ाक में कहा कि उनके पास कोई आधिकारिक कैबिनेट नहीं है जो राहत कार्य कर सके। कांग्रेस ने इस बयान को असंवेदनशील बताते हुए कड़ी आलोचना की है।
कंगना रनौत ने कहा, "चाहे आपदा राहत हो या आपदा खुद, मेरे पास कोई आधिकारिक कैबिनेट नहीं है। मेरे पास मेरे दो भाई हैं जो हमेशा मेरे साथ रहते हैं। वही मेरी कैबिनेट हैं। तो बस यही दो हैं। मेरे पास न तो आपदा राहत के लिए कोई फंड है और न ही मैं कोई मंत्री हूं। सांसदों का काम संसद तक सीमित होता है। हम इस व्यवस्था में बहुत छोटे हैं।"
उन्होंने यह बात हँसते हुए कही।
हालाँकि, कंगना ने यह भी भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार से आपदा राहत के लिए मदद दिलाई जाएगी।
उन्होंने कहा, "हमारी केंद्र सरकार ने जितने भी आर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन किए हैं, आपने देखा होगा कितने लोगों को रेस्क्यू किया गया है। आज भी हमें हर तरह से खाना और शरण मिल रही है। साथ ही, हमारी पार्टी के नेताओं ने प्रभावित क्षेत्रों में एक टीम बनाई है। हम भी उसी टीम के साथ यहाँ पहुंचे हैं। सांसदों का मुख्य काम केंद्र से फंड लाना और जनता की बात वहाँ तक पहुंचाना होता है, और मैं वो पूरी क्षमता के साथ करूँगी।"
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने कंगना रनौत के बयान का एक छोटा क्लिप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया और इसे असंवेदनशील बताया।
कांग्रेस ने लिखा, "हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। लोग तबाह हो चुके हैं, उनका सब कुछ उजड़ गया है। कई दिन बाद मंडी की सांसद कंगना वहाँ पहुँचीं और हँसते हुए बोलीं, 'मेरे पास कोई कैबिनेट नहीं है, मैं क्या कर सकती हूँ?' कृपया कुछ संवेदनशीलता दिखाएं कंगना जी।"
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कंगना पर हमला बोलते हुए कहा, "कंगना जी की असंवेदनशीलता ने बीजेपी के जयराम ठाकुर तक को चौंका दिया। मंडी, जहां बादल फटने से भारी तबाही हुई, वहाँ की सांसद कंगना पहली बार पहुंचीं और उन्हें मज़ाक, तंज और हँसी का समय लगा? क्या यही सहानुभूति है?"
देर से पहुँचने पर पहले ही हो चुकी थी आलोचना
इससे पहले कंगना रनौत को मंडी में बाढ़ के बाद लंबे समय तक अनुपस्थित रहने और बयान न देने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी। यह आलोचना तब और तेज हो गई जब बीजेपी नेता जयराम ठाकुर से उनके बारे में पूछा गया।
ठाकुर ने कहा, "मैं नहीं जानता, और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। हम उन लोगों के लिए जीते और मरते हैं जो हमारे लिए खड़े हैं। जो नहीं खड़े हैं, उन पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता।"
कांग्रेस ने जयराम ठाकुर के इस बयान को लपकते हुए कहा, "मंडी की सांसद कंगना रनौत को मंडी के लोगों की चिंता नहीं है, यह हम नहीं कह रहे, खुद हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह रहे हैं।"
कंगना का सफाई भरा बयान
विवाद के एक दिन बाद, कंगना ने एक बयान जारी कर आपदा पर दुख जताया और कहा कि उन्हें जयराम ठाकुर ने सुझाव दिया था कि जब तक संचार और रास्ते बहाल न हो जाएं, तब तक वे प्रतीक्षा करें।
कंगना ने लिखा, "हर साल हिमाचल में इतनी भीषण बाढ़ की तबाही देखना दिल तोड़ने वाला है। मैंने मंडी के सेराज और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के नेता आदरणीय जयराम ठाकुर जी ने सलाह दी कि जब तक संचार और संपर्क व्यवस्था बहाल न हो, तब तक प्रतीक्षा करें।"
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर
20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से हिमाचल प्रदेश में कम से कम 78 लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, इनमें से 50 मौतें भूस्खलन, बादल फटने और फ्लैश फ्लड्स जैसी घटनाओं में हुई हैं, जबकि 28 लोगों की जान सड़क हादसों में गई है।
अब तक राज्य में 23 फ्लैश फ्लड, 19 बादल फटने की घटनाएं और 16 भूस्खलन दर्ज किए गए हैं।
मंडी जिला इन घटनाओं से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। यहाँ 280 से अधिक सड़कें, जिनमें 156 मंडी में हैं, यातायात के लिए बंद पड़ी हैं।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक बारिश से लगभग 572 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह आंकड़ा लगभग 700 करोड़ रुपये बताया है क्योंकि डेटा अब भी इकट्ठा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कई राहत उपायों की घोषणा की है, जिनमें आपदा से बेघर हुए परिवारों को ₹5,000 मासिक किराया सहायता देना भी शामिल है।
उन्होंने यह भी कहा कि बादल फटने की घटनाओं की वैज्ञानिक जांच करवाई जा रही है।
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