Karur Stampede Live: करूर भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 41
Karur Stampede Latest News: करूर भगदड़ में चालीस परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। लेकिन अब इस मामले में सियासत अपने चरम पर है। ताजा जानकारी के लिए बने रहिये द फेडरल देश के साथ।
Karur Stampede Latest News: करूर भगदड़ में चालीस परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। लेकिन अब इस मामले में सियासत अपने चरम पर है। ताजा जानकारी के लिए बने रहिये द फेडरल देश के साथ।
करूर भगदड़ में मृतकों की संख्या बढ़कर अब 41 हो गई है।
सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने करुर हादसे पर CM स्टालिन और TVK प्रमुख विजय से फोन पर बातचीत की।
टीवीके चीफ विजय की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर आज मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ द्वारा सुनवाई किए जाने की उम्मीद है। तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख ने रविवार को अदालत का दरवाज़ा खटखटाकर अपनी करूर रैली में हुई भगदड़ की जाँच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जाँच दल (एसआईटी) से कराने की माँग की, जिसमें शनिवार को कम से कम 40 लोगों की जान चली गई थी।
टीवीके का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता एस. अरिवझगन कर रहे हैं, जिन्होंने अदालत से घटना का स्वतः संज्ञान लेने और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया। याचिका में ज़ोर देकर कहा गया है कि केवल एक स्वतंत्र एजेंसी ही उन खामियों का पता लगा सकती है जिनके कारण पार्टी की जनसभा के दौरान बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ।
टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में हुई भगदड़ में 40 लोगों की मौत और 100 से ज़्यादा घायल होने के बाद उनके चेन्नई स्थित घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रशासन को लग रहा है कि लोग अपना गुस्सा इस अभिनेता-नेता पर निकाल सकते हैं। खबर है कि टीवीके के सभी ज़िला सचिवों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
भाजपा नेता के अन्नामलाई कहते हैं, "हमें स्थानीय प्रशासन में स्पष्ट रूप से खामियां नजर आती हैं, क्योंकि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार को एक ईमानदार मध्यस्थ की तरह काम करना होगा... कल सरकार पूरी तरह से विफल रही... वहां मुश्किल से 100 पुलिसकर्मी मौजूद थे... पूरी जिम्मेदारी और विफलता स्थानीय और राज्य प्रशासन की है... टीवीके और विजय को भी इस बात की जिम्मेदारी लेनी होगी कि यात्रा की रूपरेखा कैसे बनाई गई... और अधिक जानें न जाएं, इसके लिए विजय और टीवीके को अपनी गलतियों को सुधारना होगा, और राज्य सरकार को खुफिया तंत्र और मानव बल की तैनाती में पूरी तरह से विफल रहने की 100% जिम्मेदारी लेनी होगी।"