Kolkata Rape Murder Case: CBI नोट में गैंगरेप का नहीं जिक्र, आरोपी की हिरासत 6 तक बढ़ी
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी सिविल वॉलिंटियर संजय रॉय की सीबीआई ने न्यायिक हिरासत की मांग की.
Kolkata Rape Murder Accused Sanjay Roy: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी सिविल वॉलिंटियर संजय रॉय की सीबीआई ने न्यायिक हिरासत की मांग की. ऐसे में निचली अदालत को सीबीआई द्वारा भेजे गए रिमांड नोट में 'गैंग रेप' या एक से अधिक लोगों की संलिप्तता का कोई उल्लेख नहीं है. वहीं, मृतक ट्रेनी महिला डॉक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की हत्या से पहले उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और अपराध के लिए कई लोग जिम्मेदार हो सकते हैं.
बता दें कि अदालत की निगरानी में जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में दंपति की याचिका में उनके संदेह का हवाला दिया गया है. वहीं, निचली अदालत ने कोलकाता ट्रैफिक पुलिस वॉलिंटियर संजय रॉय को 6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. अधिकारियों ने कहा कि उसे प्रेसीडेंसी जेल ले जाया गया, जहां वह 24x7 मैनुअल और सीसीटीवी निगरानी के तहत एकांत कारावास में रहेगा.
निचली अदालत को सौंपी गई मामले में सीबीआई की प्राथमिकी में भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (बलात्कार के लिए 10 साल से आजीवन कारावास) और 103(1) (हत्या के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड) का इस्तेमाल किया गया है. जांच की प्रगति के आधार पर एजेंसी दंडात्मक धाराएं जोड़ या हटा सकती है. 13 अगस्त को कोलकाता पुलिस से जांच का जिम्मा संभालने वाली केंद्रीय एजेंसी ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट सौंप दी है. 5 सितंबर को अपडेट रिपोर्ट दाखिल करने की योजना है.
आरोपी रॉय को शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सियालदह कोर्ट लाया गया. सियालदह रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली व्यस्त सड़क से सटे परिसर के प्रवेश द्वार को घेर लिया गया था. 80 से अधिक पुलिसकर्मियों की एक टीम पहरा दे रही थी. स्टेशन की तरफ से प्रवेश को सील कर दिया गया था. कई जगहों पर जांच के बाद सियालदह फ्लाईओवर के पास एक गेट से मुकदमे लड़ने वालों को प्रवेश की अनुमति दी गई. रॉय के साथ एक दर्जन से अधिक सीबीआई अधिकारी थे, जिन्हें कार्यवाही के दौरान कोर्ट लॉक-अप में इंतजार करना पड़ा.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुभाजीत रक्षित ने वकीलों से अपने चैंबर में मिलने को कहा. जैसे ही सीबीआई की टीम रॉय पर पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति सहित दस्तावेजों के बंडल के साथ सुनवाई के लिए आगे बढ़ी, वकीलों की भीड़ अपडेट के लिए उत्सुकता से बाहर खड़ी थी. प्रदर्शनकारी बारिश का सामना करते हुए कोर्ट परिसर के बाहर जमा हो गए. वे लगभग चार घंटे तक वहीं रहे, जब तक कि रॉय को वहां से नहीं निकाल लिया गया.